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सीमा पर तनाव, राजनाथ सिंह बोले- हम अशांति नहीं चाहते, शांति चाहते हैं, जवान हैं आन-बान-सान, see pics By सतीश कुमार सिंह | Published: July 17, 2020 02:33 PM2020-07-17T14:33:15+5:302020-07-17T14:42:33+5:30Next Next राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख में अग्रिम सैन्य ठिकाने पर कहा कि भारत की एक इंच भी जमीन दुनिया की कोई ताकत छीन नहीं सकती। भारत कमजोर देश नहीं है। हम जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने देंगे।राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी में भारत के 20 सैन्यकर्मियों की शहादत का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा। राष्ट्रीय गौरव हमारी ताकत है, कोई भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता। हम अपनी प्रत्येक इंच भूमि की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। आपकी वीरता और बलिदान हमें हमेशा प्रेरित करेगा। बातचीत चल रही है और इनसे मुद्दे हल होने चाहिए, लेकिन यह गारंटी नहीं दी जा सकती कि किस हद तक। हम अशांति नहीं चाहते,शांति चाहते हैं। हमने कभी दुनिया के किसी देश के स्वाभिमान पर चोट पहुंचाने की कोशिश नहीं की,लेकिन अगर दुनिया की कोई ताकत हमारे स्वाभिमान पर चोट पहुंचाने की कोशिश करेगी उसे हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे। जो कुछ भी अब तक बातचीत की प्रगति हुई है, उससे मामला हल होना चाहिए। कहाँ तक हल होगा इसकी गारंटी नहीं दे सकता। लेकिन इतना यक़ीन मैं ज़रूर दिलाना चाहता हूँ कि भारत की एक इंच ज़मीन भी दुनिया की कोई ताक़त छू नहीं सकती, उस पर कोई कब्ज़ा नहीं कर सकता। कहां तक हल होगा इसकी अभी मैं कोई गारंटी नहीं दे सकता हूं। मैं इतना यकीन दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन को भी दुनिया की कोई ताकत छू नहीं सकती, उस पर कब्जा नहीं कर सकती है। सेना के जवानों से बात करने वक्त रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और चीन की सेना के जवानों के बीच हाल में जो कुछ हुआ मैं ये कह सकता हूं कि आप लोगों ने केवल भारत की सीमा की सुरक्षा नहीं की है बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सम्मान की सुरक्षा भी की है। आज आपसे मिलकर मुझे खुशी हो रही है तो मन में एक पीड़ा भी है, हाल ही में भारत और चीन सैनिकों के बीच जो भी कुछ हुआ, उसमें हमारे कुछ जवानों ने अपना बलिदान देते हए अपनी सीमा की रक्षा की। उन्हें खोने का गम और आपसे मिलने की खुशी है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज सुबह लद्दाख़ पहुँच कर सीमावर्ती इलाक़ों का दौरा किया और लुकुंग चौकी पर जाकर भारतीय सेना के जाँबाज़ जवानों एवं अधिकारियों के दर्शन करते हुए उनसे बातचीत करने का अवसर मिला। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सुरक्षा हालात का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को एक दिवसीय दौर पर लेह पहुंचे। चीन के साथ जारी सीमा विवाद के मद्देनजर वह क्षेत्र में सुरक्षा हालात की विस्तृत समीक्षा की। रक्षा मंत्री के इस दौरे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे भी उनके साथ हैं। सिंह अग्रिम इलाकों स्टक्ना और लुकुंग भी गए। इससे पहले तीन जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का औचक दौरा किया था। उन्होंने सैनिकों को संबोधित किया था और संकेत दिए थे कि भारत-चीन सीमा विवाद के संबंध में भारत का रुख सख्त रहेगा। सिंह को भी तीन जुलाई को ही दौरे पर जाना था लेकिन किन्हीं कारणों से उनका जाना नहीं हो पाया। पूर्वी लद्दाख में पांच मई से भारत और चीन के सैनिकों के बीच गतिरोध चल रहा है। गलवान घाटी में दोनों ओर के सैनिकों के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मियों की मौत के बाद यह तनाव बहुत अधिक बढ़ गया। हालांकि कई दौर की राजनयिक एवं सैन्य बातचीत के बाद छह जुलाई से दोनों ओर के सैनिक पीछे हटना शुरू हुए। टॅग्स :लद्दाखचीनजम्मू कश्मीरराजनाथ सिंहनरेंद्र मोदीइंडियन एयर फोर्सभारतीय सेनामनोज मुकुंद नरवणेबिपिन रावतअजीत डोभालआईटीबीपीLadakhChinajammu kashmirRajnath SinghNarendra Modiindian air forceIndian armyManoj Mukund Naravanebipin rawatajit dovalITBPशेअर :