ओडिशा: पद्मावती नदी से बाहर आया 500 साल पुराना भगवान गोपीनाथ का मंदिर, करीब 150 साल पहले हुआ था जलमग्न

By मनाली रस्तोगी | Published: June 13, 2020 01:17 PM2020-06-13T13:17:08+5:302020-06-13T13:17:08+5:30

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इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) की पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने हाल ही में दावा किया है कि उन्होंने कटक से महानदी में एक प्राचीन जलमग्न मंदिर की खोज की। (फोटो सोर्स- ट्विटर)

बताया जा रहा है कि यह मंदिर लगभग 500 साल पुराना है। इंडिया टुडे के अनुसार, इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) के प्रोजेक्ट असिस्टेंट दीपक कुमार नायक ने बताया कि ओडिशा के नयागढ़ स्थित बैद्येश्वर के पास महानदी की शाखा पद्मावती नदी के बीच में मंदिर मौजूद है। (फोटो सोर्स- ट्विटर)

उन्होंने ये भी बताया कि करीब 60 फीट ऊंचे इस मंदिर के मस्तक, उसके निर्माण कार्य और वास्तुशिल्प को देखकर ये प्रतीत होता है कि यह 15वीं या 16वीं सदी में बनाया गया हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये मंदिर जिस स्थान पर मिला है, उस इलाके को सतपताना कहा जाता है। भगवान गोपीनाथ की पूजा यहां सातों गांव करते थे, जिसके कारण ये मंदिर उसी समय बनवाया गया था। (फोटो सोर्स- ट्विटर)

जानकारी के अनुसार, करीब 150 साल पहले बाढ़ आने के कारण नदी का प्रवाह बदल गया, जिसके चलते पूरा गांव इसकी चपेट में आने से डूब गया। ऐसे में यहां के सातों गांव और मंदिर डूब गए। दीपक कुमार का कहना है कि 19वीं सदी के आसपास ही ये घटना हुई है। पद्मावती नदी गांव के स्थानीय लोगों ने कहा कि क्षेत्र में लगभग 22 मंदिर हैं जो पानी के भीतर हैं, लेकिन भगवान गोपीनाथ के मंदिर का केवल मस्तक पिछले कुछ वर्षों से दिखाई दे रहा था क्योंकि यह सबसे लंबा मंदिर था। (फोटो सोर्स- ट्विटर)

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