बर्थडे स्पेशल: जवाहरलाल नेहरू के ये 12 अनमोल वचन बदल सकते हैं आपका जीवन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 14, 2018 07:49 AM2018-11-14T07:49:49+5:302018-11-14T07:49:49+5:30

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एक नेता या कर्मठ व्यक्ति संकट के समय लगभग हमेशा ही अवचेतन रूप में कार्य करता है और फिर अपने किये गए कार्यों के लिए तर्क सोचता है।

एक सिद्धांत को वास्तविकता के साथ संतुलित किया जाना चाहिए।

जब तक मैं स्वयं में आश्वस्त हूं की किया गया काम सही काम है तब तक मुझे संतुष्टि रहती है।

कार्य के प्रभावी होने के लिए उसे स्पष्ठ लक्ष्य की तरफ निर्देशित किया जाना चाहिए।

लोकतंत्र अच्छा है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि बाकी व्यवस्थाएं और बुरी हैं।

असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श, उद्देश्य, और सिद्धांत भूल जाते हैं।

सुझाव देना और बाद में हमने जो कहा उसके नतीजे से बचने की कोशिश करना बेहद आसान है।

जीवन ताश के पत्तों के खेल की तरह है। आपके हाथ में जो है वह नियति है, जिस तरह से आप खेलते हैं वह स्वतंत्र इच्छा है।

हमारे अंदर सबसे बड़ी कमी यह है कि हम चीजों के बारे में बात ज्यादा करते हैं और काम कम।

जो व्यक्ति अधिकतर अपने ही गुणों का बखान करता रहता है वो अक्सर सबसे कम गुनी होता है।

समय सालों के बीतने से नहीं मापा जाता बल्कि किसी ने क्या किया, क्या महसूस किया , और क्या हांसिल किया इससे मापा जाता है।

आप तस्वीर के चेहरे दीवार की तरफ मोड़ के इतिहास का रुख नहीं बदल सकते।