बिहार विधानसभा में विपक्षी विधायकों और सुरक्षाबलों में हाथापाई, तस्वीरों से जानिए क्यों मचा बवाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 24, 2021 11:18 AM2021-03-24T11:18:14+5:302021-03-24T11:18:14+5:30

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बिहार में मंगलवार को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 पर सड़क से लेकर सदन तक जमकर हंगामा देखने को मिला। विधानसभा में सुरक्षा गार्ड और विधायकों के बीच हाथापाई तक हुई।

विधेयक के नीतीश कुमार सरकार के बिहार विधानसभा में पेश करने के बाद ही शुरू हो गया। इस के विरोध में स्पीकर के कक्ष का घेराव करने वाले विपक्ष के विधायकों को हटाने के लिए सदन में पुलिस बुलानी पड़ गई।

विधानसभा में हंगाने के कारण सदन की कार्यवाही दिन में पांच बार स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस ‘काला कानून’ और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर किये गये मार्च का नेतृत्व किया।

तेजस्वी यादव की नेतृत्व आरजेडी ने पटना की सड़कों पर जुलूस भी निकाला। पुलिस ने पहले बिना इजाजत जुलूस निकालने और डाक बंगला चौराहे पर पथराव करने में संलिप्त रहने को लेकर तेजस्वी और राजद के अन्य नेताओं को मंगलवार दिन में कोतवाली थाना ले गई थी।

वहां से रिहा होने के बाद तेजस्वी वापस विधानसभा में आए। मंत्री बिजेंद्र यादव द्वारा चर्चा के लिए विधेयक को पेश किये जाते ही विपक्षी सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के आसन के करीब चले गए। मार्शल भी पहुंच गए। इसके बाद सदन को शाम साढे चार बजे तक स्थगित किया गया।

अध्यक्ष के कक्ष में जाते ही महागठबंधन के सदस्यों ने इसे चारों ओर से घेर लिया और नारेबाजी करने लगे। स्थिति से निपटने में मार्शल को समस्या होने के बारे में पता चलने पर पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपेंद्र शर्मा विधानसभा परिसर पहुंचे।

सदन कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो हंगामा फिर शुरू हुआ। राजद के एक विधायक इस दौरान मंत्री के तौर पर विधानसभा में मौजूद एमएलसी अशोक चौधरी के साथ धक्कामुक्की होने पर फर्श पर गिर पड़े।

इससे विपक्षी सदस्य गुस्से में आ गये और उन्होंने मेज पर कुर्सी पटक कर उसे (मेज) तोड़ दी। इसके चलते, पीठासीन अधिकारी ने सदन की कार्यवाही शाम साढ़े पांच बजे के तक के लिए स्थगित कर दी।

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सदन के अंदर पुलिस बुलाई गई। तेजस्वी ने साथ ही कहा कई विधायकों सहित महिला विधायक अनीता देवी, जो अतिपिछ़ड़ा समाज से भी आती हैं उनके भी बाल खींचकर, साड़ी खोलकर, घसीटकर ले जाया गया।

सोशल मीडिया पर भी कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हैं। इन तस्वीरों सदन के अंदर पुलिस और प्रशासन के लोग के साथ विपक्षी विधायकों की हाथापाई देखी जा सकती है।

विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021 दरअसल बिहार मिलिट्री पुलिस का नाम बदलने का प्रस्ताव करता है। साथ ही उसे कहीं अधिक शक्तियां देता है। विपक्ष इसका विरोध कर रहा है।