Keshubhai Patel: नहीं रहे गुजरात के पूर्व सीएम केशुभाई पटेल, पीएम ने दी श्रद्धांजलि, see pics By सतीश कुमार सिंह | Published: October 29, 2020 02:49 PM 2020-10-29T14:49:07+5:30 2020-10-29T14:49:07+5:30
Next Next गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल का बृहस्पतिवार को यहां निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। परिवार के सदस्यों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पटेल हाल ही में कोविड-19 से उबरे थे। बृहस्पतिवार की सुबह स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियों के चलते उन्हें अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। पटेल 92 वर्ष के थे।
वह 1995 और फिर 1998 से 2001 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उनके बाद नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। पटेल छह बार गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे। साल 2012 में भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने‘गुजरात परिवर्तन पार्टी’ बनाई, जिसने 2012 में राज्य के विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन किया। इसके बाद 2014 में उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि उनका जीवन राज्य के विकास और हर गुजराती के सशक्तीकरण के लिए समर्पित रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘हमारे प्रिय और माननीय केशुभाई के निधन से मैं बेहद दुखी हूं। वह एक बेहतरीन नेता थे, जिन्हें समाज के हर तबके की चिंता थी। उनका जीवन गुजरात के विकास और गुजरातियों को सशक्त बनाने की दिशा में समर्पित था।’’
मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, ‘‘हम सबके प्रिय और सम्मानित केशुभाई नहीं रहे...मैं बहुत व्यथित और दुखी हूं। वह एक उत्कृष्ट नेता थे, जिन्होंने समाज के हर वर्ग का ध्यान रखा। उनका जीवन गुजरात के विकास और हर गुजराती के सशक्तीकरण के लिए समर्पित रहा।’’ उन्होंने केशुभाई के पुत्र भरत से फोन पर बातचीत की और अपनी शोक संवादनाएं प्रकट कीं।
केशुभाई ने उनके जैसे कई युवा कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया और उन्हें तैयार किया। मोदी ने कहा, ‘‘उनके मिलनसार व्यवहार के चलते हर कोई उनसे प्यार करता था। उनका निधन अपूरणीय क्षति है। हम सब आज शोक में हैं। उनके परिजनों और उनके चाहने वालों के साथ मेरी संवदेनाएं हैं।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा और जन संघ को मजबूत करने के लिए केशुभाई ने पूरे गुजरात का भ्रमण किया और उन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया।
किसानों के मुद्दे उनके दिल के बेहद करीब थे। मुख्यमंत्री के रूप में या सांसद या विधायक के रूप में उन्होंने किसानों के हित में कई उपाय सुनिश्चित किए।
जूनागढ़ जिले के विसावदर शहर में 1928 में जन्मे पटेल 1945 में बतौर प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बतौर जन संघ कार्यकर्ता के तौर पर की थी। पटेल के बेटे भरत पटेल ने कहा, ‘‘ हालांकि, हाल ही में वह कोरोना वायरस से उबर गए थे, लेकिन संक्रमण से उनके शरीर पर पड़े प्रभाव के कारण उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी।’’ उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘‘आज सुबह तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर हम उन्हें अस्पताल से ले गए। डॉक्टरों ने बहुत कोशिश की लेकिन वह नहीं बच पाए।’’ पटेल ‘सोमनाथ ट्रस्ट’ के अध्यक्ष भी थे, जो सौराष्ट्र क्षेत्र में प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का प्रबंधन करता है।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भाजपा के कद्दावर नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसे गुजरात के लिए एक बड़ी क्षति बताया। गढ़दा में एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, ‘‘ केशुभाई पटेल, जिन्होंने जन संघ के दिनों से भाजपा को मजबूत बनाया, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र और किसानों की सेवा में लगा दिया, आज उनका निधन हो गया। गुजरात और भाजपा के लिये बड़ी क्षति।’’
गढ़दा में तीन नवम्बर को उप चुनाव है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी ट्वीट कर दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘‘ केशुभाई पटेल के निधन से, राष्ट्र ने एक महान नेता खो दिया। उनका लंबा सार्वजनिक जीवन लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पित रहा, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। किसानों के हितों की रक्षा की, लोगों के साथ उनका अद्भुत संबंध था।’’