Bhagat Singh Jayanti 2022: भगत सिंह के 6 शेर, सुनकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे

By संदीप दाहिमा | Published: September 27, 2022 06:53 PM2022-09-27T18:53:16+5:302022-09-27T19:00:18+5:30

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कोई दम का मेहमाँ हूँ ऐ अहले-महफिल, चराग़े-सहर हूँ बुझा चाहता हूँ। - भगतसिंह

तेरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूठ जाना, कि खुशी से मर न जाते अगर ऐतबार होता। - ग़ालिब

ये न थी हमारी किस्मत कि विसाले यार होता, अगर और जीते रहते यही इंतजार होता। - गालिब

मेरी कलम भी वाकिफ़ है मेरे जज्बातों से, मैं इश्क़ भी लिखना चाहूँ तो इंकलाब लिखा जाता है। - भगतसिंह

उसे यह फिक्र है हरदम नया तर्जे-जफा क्या है, हमे यह शौक है देखें सितम की इन्तहा क्या है। - भगतसिंह