विश्व स्वास्थ्य संगठन ने Hydroxychloroquine का ट्रॉयल रोका, कोरोना मरीजों पर होना था प्रयोग

By संदीप दाहिमा | Published: May 26, 2020 03:12 PM2020-05-26T15:12:42+5:302020-05-26T15:12:42+5:30

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कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में जारी हैं, ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस दवा के प्रयोग पर रोक लगा दी है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वासरस से पीड़ित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (hydroxychloroquine HCQ) के क्लिनिकल ट्रायल पर फिलहाल रोक लगा दी है।

WHO ने यह रोक फिलहाल अस्थायी तौर पर लगाई है।

WHO ने इसपर रोक सुरक्षामनकों के तहत लगाई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)के डायरेक्टर जनरल डॉ. टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने 25 मई (सोमवार) को कहा कि इस दवा (हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वी) के सुरक्षित इस्तेमाल के बार में डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड अध्ययन करेगा।

साथ ही इस दवा से जुड़े दुनिया भर में हो रहे प्रयोगों का व्यापक विश्लेषण भी किया जाएगा।

टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने कहा कि आम तौर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और क्लोरोक्वीन का इस्तेमाल मलेरिया के मरीजों और पस जैसे ऑटोइम्यून बीमारी के मामलों में किया जाता रहा है।

लेकिन कोरोना वायरस के मरीजों में में इस दवा के सुरक्षित इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई जा रही है।

टेडरोस अधानोम गेब्रियेसस ने 'मेडिकल जर्नल 'लैंसेट' छपी एक स्टडी के बारे में बात करते हुए कहा कि इस रिसर्च में दावा किया गया है कि कोरोना संक्रमितों के इलाज में जिस देश में यहा जहां भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की दवाई दी जा रही है, वहां मौत का खतरा ज्यादा हो रहा है।

इस स्टडी के सामने आने के बाद शनिवार (23 मई) को WHO की निगरानी में हो रहे कोविड-19 क्लिनिकल ट्रायल के एक्सिक्यूटिव ग्रूप की एक बैठक बुलाई गई थी।

इस बैठक में 10 सदस्य देशों के प्रतिनिधी शामिल थे। इसी बैठक में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन से जुड़े क्लिनिकल ट्रायल को अस्थायी तौर पर रोकने का फैसला लिया गया।