Coronavirus: कोरोना जैसे ही होते हैं इन बीमारियों के लक्षण, पहचाने और करें बचाव

By संदीप दाहिमा | Published: June 25, 2020 05:48 AM2020-06-25T05:48:43+5:302020-06-25T05:48:43+5:30

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डेंगू बुखार मच्छरों द्वारा फैले हुए चार प्रकार के डेंगू वायरस के कारण होता है। सभी वायरस एडीज एजिप्टी या एडीस एल्बोपिक्टस मच्छर के रूप में ज्ञात मच्छर प्रजातियों के माध्यम से फैलते हैं। शुरुआत में सामान्य-सा लगने वाला यह बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है।

इसे 'हड्डीतोड़ बुखार' के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ित लोगों को इतना अधिक दर्द हो सकता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गई हों। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल दाने होना शामिल हैं। यह बुखार मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है।

मेथी और पपीते के पत्ते डेंगू बुखार में सहायक हो सकते हैं। इन पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पीया जा सकता है। इनसे प्लेटलेट्स की गिनती बढ़ती है। साथ ही, बदन दर्द, कमजोरी महसूस होना, उबकाई आना, थकान महसूस होना आदि जैसे बुखार के लक्षण को कम करने में सहायक है।

तापमान सर्द होने की वजह से लोगों को इन दिनों सर्दी जुकाम और वायरल बुखार जैसी मौसमी बीमारियां अपनी चपेट में ले रही है। मौसम में आए बदलाव का इम्यून सिस्टम पर भी पड़ता है। वायरल इन्फेक्शन की एक बड़ी श्रेणी को वायरल फीवर का नाम दिया गया है।

शरीर का तापमान बढ़ना वायरल बुखार की मुख्य विशेषता होती है। इसके अन्य लक्षणों में थकान, मांसपेशियों में दर्द, तेज बुखार, खांसी, जोड़ों में दर्द आदि शामिल हैं।

मलेरिया बुखार, कंपकपी के साथ होता है और इसका कारण है मलेरिया परजीवी, जो मरीज़ के रक्त में पाया जाता है। मलेरिया के संक्रमण का सबसे प्रमुख लक्षण है कि अचानक तेज कंपकंपी के साथ ठंड ठंड लगती है और इसके कुछ ही देर बाद बुखार आ जाता है।

कई बीमारियों के इलाज में तुलसी का उपयोग किया जाता है। मलेरिया के उपचार के लिए 10 ग्राम तुलसी के पत्ते और 7-8 मिर्च को पानी में पीसकर सुबह और शा‍म लेने से बुखार ठीक हो सकता है। इसमें आप शहद भी मिला सकते हैं।

साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया के कारण होता है। यह जीवाणु संक्रमण हाई फीवर और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का कारण बनता है। आमतौर पर दूषित पानी या भोजन खाने से टाइफाइड होता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को 102 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बुखार रहता है।

इसके लिए आप लहसुन का इस्तेमाल कर सकते हैं। लहसुन में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं और यह रक्त को प्यूरीफाई करने का काम करता है। इसके अलावा लहसुन किडनी से अवांछित पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। हालांकि, इसका अधिक लाभ लेने के लिए इसे कच्‍चा या अधपका खाना चाहिए। यह टाइफाइड बुखार से पीड़ित व्यक्ति की इम्यूनिटी बढ़ती है।