हर तीन में से दो भारतीय नियमित रूप से अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं: सर्वेक्षण

By संदीप दाहिमा | Published: May 19, 2022 08:07 PM2022-05-19T20:07:40+5:302022-05-19T20:21:28+5:30

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एक वैश्विक सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि हर तीन में से दो भारतीय सप्ताह में पांच-सात बार अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं। यह वैश्विक सर्वेक्षण 30,000 से अधिक लोगों पर किया गया। प्रौद्योगिकी कंपनी डायसन के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि 46 प्रतिशत भारतीयों ने अपने घरों की साफ-सफाई काफी बढ़ाई है, जो सर्वेक्षण में शामिल किये गये दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों से कहीं अधिक है।

सर्वेक्षण के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर 95 प्रतिशत लोग ज्यादा नहीं तो, उतनी ही सफाई कर रहे हैं जो उन्होंने कोविड-19 महामारी को लेकर पैदा हुई चिंताओं के चलते पिछले साल की थी। शोधकर्ताओं ने कहा कि हालांकि,शेष विश्व से तुलना किये जाने पर भारतीय कम प्रतिकियाशील हैं क्योंकि हर तीन में से महज एक व्यक्ति अपने घर के फर्श पर धूल देख कर उसे साफ करने को प्रेरित हुए, जबकि वैश्विक औसत 40 प्रतिशत है।

डायसन में माइक्रोबायोलॉजी की शोध वैज्ञानिक मोनिका स्टुस्जेन ने कहा, ‘‘यदि लोग तभी सफाई करते हैं जब वे फर्श पर धूल देखते हैं तो यह चिंता का विषय है क्योंकि कई धूलकण सूक्ष्म आकार के होते हैं। ’’ उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘असल में, जब लोग धर में धूल जमा देखते हैं, तब इस बात की अत्यधिक संभावना होती है कि आपके घर में धूल में कीट पैदा हो गये हों। ’’ ‘डायसन ग्लोबल डस्ट स्टडी 2022’ 15 मिनअ का ऑनलाइन सर्वेक्षण था, जिसमें भारत सहित 33 देशों से लोगों को शामिल किया गया। भारत से 1,019 लोगों को शामिल किया गया।

मुंबई स्थित पी डी हिंदुजा नेशनल इंस्टीट्यूट हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च सेंटर के फेफड़ा रोग कंसल्टेंट डॉ लांसलोट पिंटो ने कहा, ‘‘भारत में, हम बार-बार सफाई करते हैं लेकिन सफाई के पारंपरिक तरीके से शायद अच्छी सफाई नहीं हो सकती है। ’’ सर्वेक्षण में यह भी पाया गया है कि 29 प्रतिशत भारतीय यह जानकर चकित हैं कि त्वचा से अलग होने वाली परतें घरेलू धूल में शामिल हैं और 22 प्रतशित इस बात से अनजान हैं कि घरेलू धूल में वायरस होते हैं।