हर घंटे 18 बच्चों की जान लेता है निमोनिया, रोग को जड़ से खत्म करने लिए करें 4 उपाय

By हर्ष वर्धन मिश्रा | Published: November 24, 2019 06:57 AM2019-11-24T06:57:10+5:302019-11-24T06:57:10+5:30

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निमोनिया एक ऐसी बीमारी है, जो छोटे बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है। निमोनिया के प्रमुख दो लक्षण हैं, पहला खांसी और दूसरा सांस चलना। निमोनिया होने पर पहले हल्का सर्दी-जुकाम और फिर तेज बुखार भी होता है। निमोनिया फेफड़ों में असाधारण तौर पर सूजन आने के कारण होता है। मौसम बदलने, सर्दी लगने, फेफड़ों पर चोट लगने के अलावा खसरा और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों के बाद भी इसकी आशंका बढ़ जाती है। 

हाल ही में निमोनिया को लेकर एक हैरान करने वाली रिपोर्ट आई है कि निमोनिया से 2018 में पांच साल से कम आयु के 1,27,000 बच्चों की मौत हुई। इसका मतलब है कि देश में 2018 में हर घंटे पांच साल से कम उम्र के 14 से अधिक बच्चों की मौत निमोनिया से हुई। 

निमोनिया होने पर थोड़ी-सी हल्दी को गुनगुने पानी में मिलाएं और इसे छाती पर लगाने से राहत मिलती है। एक गिलास पानी में 5-6 लौंग, काली मिर्च और 1 ग्राम सोडा डालकर उबाल लें। अब इस मिश्रण को दिन में 1-2 बार लेने से फायदा होता है।

लहसुन की कुछ कलियों को मसलकर उसका पेस्ट बना लें और रात को सोने से पहले बच्चे की छाती पर लगा दें जिससे शरीर को गर्माहट मिलेगी और कफ बाहर निकलेगा।

लहसुन में शरीर का तापमान कम करने और छाती व फेफड़ों में जमा बलगम को बाहर निकालने की क्षमता होती है। लहसुन का पानी दिन में तीन-चार बार, दो से तीन चम्‍मच सेवन करने से निमोनिया में आराम मिलता है। 

लाल मिर्च में कैप्‍स‍ासिन होता है जो श्‍वसन मार्ग से बलगम को हटाने में मदद करता है। लाल मिर्च बीटा-कोरटेन का भी अच्‍छा स्रोत होती है, जो कफ की झिल्‍ली को सुरक्षित रखता है। करीब 250 मिली पानी में थोड़ी सी लाल मिर्च और थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर दिन में कुछ बार इसका सेवन करें।