कैंसर जैसी कई बीमारियों में लाभदायक है सरसों तेल, जानें फायदे

By संदीप दाहिमा | Published: October 8, 2021 08:08 AM2021-10-08T08:08:18+5:302021-10-08T08:08:18+5:30

Next

सरसों के तेल में मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (MUFA और PUFA) और ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड की उच्च मात्रा होती है। इसमें मौजूद वसा 50% से इस्केमिक हृदय रोग के लिए लाभदायक होते हैं।

समृद्ध सरसों में हाइपोकोलेस्टेरोलेमिक (कोलेस्ट्रॉल-कम) और हाइपोलिपिडेमिक (लिपिड-लोअरिंग) प्रभावी होते हैं। तेल खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) के स्तर को कम कर सकता है और शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के स्तर को बढ़ा सकता है। यह हृदय रोगों के जोखिम को कम कर सकता है।

एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। सरसों के तेल में जीवाणुरोधी, ऐंटिफंगल गुण होते हैं। हाल के अध्ययनों से पता चला है कि सरसों के तेल कोलाई के खिलाफ जीवाणुरोधी एजेंट के रूप में काम करते हैं। सरसों के तेल में ग्लूकोसाइनोलेट होता है, बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं के विकास को रोकता है। सरसों के तेल में शक्तिशाली ऐंटिफंगल गुण होते हैं जो त्वचा की चकत्ते और कवक के कारण संक्रमण में असरदार होते हैं।

सर्दी और खांसी से राहत दिला सकता है, सरसों के तेल का उपयोग दशकों से सर्दी और खांसी से राहत देने के लिए किया जाता है। इसमें एक हीटिंग गुण होता है जो सांस नली में जमाव को साफ कर सकता है। अगर इसे आप लहसून में मिलाकर छाती और पीठ पर मालिश किया जाता है तो इसके आपको बहुत फायदे मिलेंगे।

ठंड और खांसी को साफ करने के लिए सरसों के तेल का उपयोग करने का एक और तरीका होता है। सरसो का तेल भाप लेने के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। उबलते पानी के एक बर्तन में स्टीम के बीज और कुछ चम्मच सरसों का तेल डालें और भाप लें। यह स्वांस नली में कफ के निर्माण को साफ कर सकता है। माना जाता है कि सरसों का तेल एक बहुत शक्तिशाली प्राकृतिक औषधी के रूप में काम करता है। चेहरे पर मालिश कर आप अपने चेहरे की त्वचा को स्व्स्थ्य बना सकते हैं।

कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। सरसों के तेल में कैंसर से लड़ने वाले गुण होते हैं। इसमें पर्याप्त मात्रा में लिनोलेनिक एसिड होता है। कुछ शोध बताते हैं कि यह एसिड कोलन कैंसर की गंभीरता को कम कर सकता है। साउथ डकोटा यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन ने भी यही साबित किया था। उन्होंने कोलन कैंसर से प्रभावित चूहों पर सरसों, मकई और मछली के तेल की प्रभावकारिता का परीक्षण किया। मछली के तेल की तुलना में चूहों में कोलोन कैंसर को रोकने में सरसों का तेल अधिक प्रभावी पाया गया।नवजात शिशुओं के लिए सरसों के तेल की मालिश कई देशों में काफी प्रचलित है। मालिश के लिए सरसों के तेल का उपयोग करना चाहिए।