बवासीर, फुंसी और दाद जैसी 6 बीमारियों से बचाएगा ये पीले फूल का पौधा

By संदीप दाहिमा | Published: July 15, 2021 07:05 AM2021-07-15T07:05:03+5:302021-07-15T07:05:03+5:30

Next

अगर आप बिना दवाओं के कई रोगों से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो हम आपको एक ऐसे पौधे के बारे में बता रहे हैं, जो आयुर्वेद में अमृत माना जाता है। यह पौधा कई बड़ी और गंभीर समस्याओं का समाधान कर सकता है। इस पौधे का नाम कनेर है। इसमें पीले रंग के फूल आते हैं और यह आपको कहीं भी मिल सकता है।

बहुत से लोग चेहरे पर फोड़ा फुंसी, पेट में गैस, अपच, गैस्ट्रिक आदि समस्याओं से पीड़ित होते हैं। इस तरह के विकारों से राहत पाने के लिए कनेर के फूलों का पेस्ट बना लें और इसमें एक चम्मच हल्दी, 10 ग्राम फिटकरी और मलाई मिलाकर चेहरे पर इस पेस्ट को लगाएं, कुछ दिन इस प्रयोग को करने से चेहरे के सारे फोड़ा फुंसी ठीक हो सकते हैं।

त्वचा पर होने वाली खाज, खुजली, एक्जिमा जैसी समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी आप कनेर के पत्तों को पीस लें और इसमें उतनी ही मात्रा में नीम के पत्ते मिलाएं। इस पेस्ट को दाद, खाज वाली जगह पर लगाएं। कुछ दिन इसका प्रयोग करने से यह समस्या भी बहुत जल्दी ठीक हो सकती है।

कनेर के ताजा फूल 50 ग्राम, 200 ग्राम जैतून तेल और 100 ग्राम के अन्य तेल के मिश्रण को दर्द वाले नसों पर मालिश करने से लाभ होता है। इसी तरह काला धतूर, सफेद कनेर की जड़ को पीसकर तेल में मिलाकर पक्षाघात के रोगियों में लगाने से लाभ होता है।

सिर दर्द में कनेर के फूल और आंवला पीस कर ठंडे पानी के साथ मिलाकर सिर में लगाने से दर्द में राहत मिलती है। अर्श रोग में कनेर की जड़ को पीसकर ठंडे पानी के साथ लगाने से अर्श रोगों में लाभ होता है।

कुत्ते के काटने में भी कनेर फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए कनेर के जड़ का बारीक चूर्ण बनाकर 60 मिलीग्राम की मात्रा में 4 चम्मच दूध में मिलकर दिन में दो बार एक हफ्ते तक रोगी को दें।

बवासीर की समस्या में राहत पाने के लिए कनेर और नीम के पत्ते को एक साथ पीसकर इसका लेप बना लें। फिर इस लेप का बवासीर के मस्सों पर प्रतिदिन दो से तीन बार लगाने से काफी राहत मिलती है।

बालों का समय से पहले सफेद होना एक बड़ी समस्या है इसका अब युवा भी सामना कर रहे हैं। इस समस्या से राहत पाने के लिए कनेर को दूध में पीसकर बालों में लगाने से बालों में लगायें। इससे फायदा हो सकता है।