खून की कमी, डायबिटीज जैसे 5 घातक रोगों का काल है ये पौधा, कई बीमारियों से मिलेगा छुटकारा

By संदीप दाहिमा | Published: September 22, 2021 07:01 AM2021-09-22T07:01:00+5:302021-09-22T12:54:55+5:30

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भृंगराज की पत्तियों का चूर्ण 100 ग्राम, तिल का चूर्ण 50 ग्राम, आंवला 50 ग्राम, मिश्री 200 ग्राम, और घी से चुपड़ी हुई मिट्टी की हांडी, सबसे पहले इन चीजों को इकट्ठा कर लें। इसके बाद इन सभी चीजों को कूट पीसकर मिश्री के साथ आपस में मिलाकर मिट्टी की हांडी में एक कपड़े में ढंककर रख दें और इसे 24 घंटे के लिए छोड़ दें। अब इस चूर्ण की 10 ग्राम मात्रा को सुबह शाम गाय के दूध के साथ सेवन करें, अगर आप ऐसा निरंतर करते रहते हैं तो शरीर से कई तरह की बीमारियां खत्म हो सकती हैं।

अनुसंधान से पता चला है कि यह पौधा लिवर में कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करता है। अनुसंधानकर्ता मानते हैं कि इस पौधे में पाए जाने वाले कार्बनिक अणु कैंसर कोशिकाओं के प्रसार के लिए डीएनए अणुओं को बाधित करते हैं। इस प्रकार एक साइटोटोक्सिक प्रभाव होता है और उन खतरनाक, उत्परिवर्तित कोशिकाओं को मारने में मदद मिलती है।

पीलिया को खतरनाक बीमारी माना जाता है। इससे लिवर का कामकाज प्रभावित होता है, जिससे त्वचा का मलिनकिरण होता है। लिक्विड को प्रभावी ढंग से संतुलित करने और इसके सामान्य कार्य को सुनिश्चित करने के लिए हजारों वर्षों से इस पौधे का उपयोग किया जाता है।

इसके एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुणों की वजह से यह पौधा संक्रमण को रोकने और उपचार के लिए काफी प्रभावी है। मूत्र पथ के संक्रमण में प्रभावी रूप से काम करता है और असुविधा को कम कर सकता है। यह मूत्राशय के कामकाज को प्रभावित करने वाले बैक्टीरिया को बेअसर कर सकता है।

भृंगराज में उच्च मात्रा में आयरन होता है, इसके पत्तों से बना साधारण घर का बना सूप एनीमिया के इलाज में मदद करता है। इसका नियमित उपयोग एनीमिया के लिए सबसे अच्छे उपायों में से एक माना जाता है, इस प्रकार नियमित रूप से इसका उपयोग करें।

भृंगराज में उच्च मात्रा में आयरन होता है, इसके पत्तों से बना साधारण घर का बना सूप एनीमिया के इलाज में मदद करता है। इसका नियमित उपयोग एनीमिया के लिए सबसे अच्छे उपायों में से एक माना जाता है, इस प्रकार नियमित रूप से इसका उपयोग करें।