Double Chin: ऐसे मिलेगा डबल चिन से छुटकारा, आज ही अपनाएं ये आसान 9 उपाय, देखें तस्वीरें

By संदीप दाहिमा | Published: February 27, 2020 07:20 AM2020-02-27T07:20:04+5:302020-02-27T07:20:04+5:30

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शरीर में मौजूद एक्सट्रा कैलोरी को कम करने के लिए वर्क आउट करना बहुत ज्यादा जरूरी है। वर्कआउट के साथ-साथ आप अपनी डाइट का भी खास ख्याल रखें। इससे गर्दन और ठोड़ी का वजन कम करने में मदद मिल सकती है।

चॉकलेट्स, मिठाई, केक और सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसे खाने-पीने की चीजें तेजी से मोटापा बढ़ाने का काम करती हैं। आपको इनसे परहेज करना चाहिए। क्योंकि ज्यादा ऑयली व मीठी चीजें खाने से शरीर में फैट जमा होता है।

सही मात्रा में पानी पीने से बॉडी से टॉक्सिन निकलने के साथ ही कैलोरीज भी बर्न होती है। इसलिए रोजाना सुबह गुनगुना पानी जरूर पिएं। इससे डबल चिन कम होने के साथ-साथ फैट भी कम होगा।

गलत पोश्चर में बैठने की वजह से भी डबल चिन की समस्या होती है। इसलिए हमेशा स्ट्रेट और एक्टिव होकर बैठें। ध्यान रहे कि बैठते समय आपकी पीठ स्ट्रेट रहे।

आपको इंटरनेट पर कई तरह के फेशियल एक्सरसाइज के वीडियोज मिल जाएंगे। रोजाना फेशियल एक्सरसाइज करके भी आप आसानी से डबल चिन से छुटकारा पा सकते हैं।

गर्दन के आसपास की स्किन ढीली होने की वजह से भी डबल चिन ज्यादा दिखने लगती है। इसलिए चेहरे पर ग्लिसरीन और नमक के साथ मसाज करें। यह स्किन को टाइट करने में मदद करता है।

चुइंगम चबाने से एक तरह से फेशियल एक्सरसाइज होती है। इससे भी डबल चिन कम करने में मदद मिलती है। 1 घंटा सुबह और 1 घंटा शाम लगातार एक महीने तक चुइंग गम चबाने से डबल चिन 1 से 2 इंच तक कम हो सकती है।

अगर आपको पता है कि सीटी कैसे बजाई जाती है तो आप भाग्यशाली लोगों में से हैं। यदि नहीं, तो इस कला को सीखें। यह चेहरे और गर्दन की मांसपेशियों का व्यायाम करने का एक अच्छा तरीका है और यह खतरनाक डबल चिन को कम करता है। रोजान कम से कम 10 सेकंड तक 10 बार सीटी बजाना शुरू कर दें।

संतुलित आहार वसा के नुकसान में मदद करता है। डाइट में साबुत अनाज और कार्ब्स ऐड करें। इससे फैट कम करने में मदद मिल सकती है। स्वस्थ, मुलायम और लोचदार त्वचा के लिए, ताजी सब्जियां और फल खाना बहुत फायदेमंद होता है। विषाक्त पदार्थों को दूर करने के लिए खीरे और खरबूजे जैसे पानी से भरपूर खाद्य पदार्थों का चयन करें। टमाटर, शिमला मिर्च, लहसुन और कद्दू जैसी कुछ सब्जियां कोलेजन का उत्पादन बढ़ाती हैं।