कोरोना को भीलवाड़ा ने ये 8 कदम उठाकर दिया मुंह तोड़ जवाब, देखें तस्वीरें

By संदीप दाहिमा | Published: April 8, 2020 04:43 PM2020-04-08T16:43:47+5:302020-04-08T16:43:47+5:30

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इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, शहर के एक निजी अस्पताल को भीलवाड़ा में वायरस के प्रसार के लिए काफी हद तक जिम्मेदार माना गया। प्रशासन ने सबसे पहले इस अस्पताल को सील कर दिया और संबंधित मेडिकल स्टाफ को अलग कर दिया। इसके बाद राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन के साथ मिलकर कोरोना से लड़ने की रणनीति बनाई।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उन्होंने भीलवाड़ा में लोगों की 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग सुनिश्चित की है। इसके लिए राज्य सरकार ने जिले में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की 3000 टीमों को तैनात किया।

शहर में कर्फ्यू लगाना, जिला सीमाओं को सील करना, सार्वजनिक, निजी वाहनों की आवाजाही में कटौती करना और लॉकडाउन का पालन करना जिला प्रशासन की प्राथमिकता रही। जिले की सीमाएं सील करते हुए 14 एंट्री पॉइंट्स पर चेक पोस्ट बनाईं, ताकि कोई भी शहर से न बाहर जा सके और न अंदर आ सके। राशन सामग्री की सप्लाई सरकारी स्तर पर करने व जिले के हर व्यक्ति की स्क्रीनिंग का फैसला किया।

एक काम जो यहां किया वो यह था कि पॉजिटिव मामलों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों की तत्काल मैपिंग करना। उनकी पहचान की गई और उनसे संपर्क किया गया ताकि सबको अलग-अलग किया जा सके।

टीम बनाकर लाखों लोगों की स्क्रीनिंग शुरू करा दी। जितने भी लोगों में सर्दी-जुकाम के लक्षण मिले इन्हें होम आइसोलेट किया गया और वहां कर्मचारी तैनात किये गए। कुछ लोगों को होटलों में भी क्वारेंटाइन किया गया।

निगम परिषद् को शहर के सभी वार्ड्स में दो बार हाइपो क्लारोड एक फीसदी के छिड़काव की जिम्मेदारी दी गई ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।

लोगों को परेशानी को देखते हुए सहकारी उपभोक्ता भंडार से खाद्य सामग्री की सप्लाई शुरू कर दी गई। रोडवेज सेवा बंद कर दी गई। दूध की डेयरी को सुबह-शाम दो-दो घंटे खोला गया।

हर वार्ड में होम डिलीवरी के लिए दो-तीन किराना की दुकानों को लाइसेंस दिए गए। कृषि मंडी को शहर में हर वार्ड के अनुसार फल-सब्जियां सप्लाई के लिए लगाया गया।