फेफड़ों के मरीज खाएं ये 5 चीजें, सांस की तकलीफ होगी दूर, खांसी में भी मिलेगा आराम

By संदीप दाहिमा | Published: May 6, 2021 03:31 PM2021-05-06T15:31:33+5:302021-05-06T15:34:56+5:30

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फेफड़े में सूजन और अस्थमा का दौरे पड़ने के दौरान श्वास के मार्गों को बंद करने के लिए जिम्मेदार है सूजन। लेकिन हल्दी से आप इसका इलाज कर सकतें है। क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करती है और मांसपेशियों को आराम दिलाती है, हल्दी अस्थमा के लक्षणों को काबू में रखने में एक शक्तिशाली हथियार है।

अदरक अस्थमा से लड़ने में बहुत कारगर है। कुछ लोगों का कहना है कि एंटीहिस्टामाइन दवाओं से बेहतर काम करता है जैसे कि बेनेड्रिल वायुमार्ग को साफ करने और सूजन रोकती है। लेकिन अदरक की सबसे खास बात यह कि इसका इस्तेमाल करने से कोई भी साइड-इफ़ेक्ट नहीं होता है, जिसका अर्थ है कि आप इसे सुरक्षित रूप से रोज़ाना खाने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पेय पदार्थ में जोड़ सकते हैं।

एवोकाडो में एल-ग्लुटाथियोन की मात्रा काफी अधिक होती है। जो की अस्थमा मरीजों के बहुत फायदेमंद है। एवोकाडो हमारे शरीर में सेल्स को डैमेज होने से बचाता है। इसके अलावा शरीर में विषैले पदाथो को बाहर निकल कर शिरी को स्वस्थ रखता है। एवोकाडो में मौजूद एल-ग्लुटाथियोन श्वास नलिकाएं में सुजन को ठीक करता है और क्षतिग्रस्त आंत स्वास्थ्य की मरम्मत करता है।

लंदन के इंपीरियल कॉलेज में शोधकर्ताओं ने 2011 में एक अध्ययन के मुताबिक यह देखा गया की अगर दिन में एक केला खाया जाए तो यह अस्थमा के असर को कम कर सकता है। केले में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। सांस लेने में होने वाली परेशानियों को यह बढ़ने नहीं देता है। एक दिन में केवल एक केला खाने वाले बच्चों को अस्थमा के लक्षणों के जोखिम को कम कर देता है।

कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाती है और हम इससे नजरंदाज़ कर देते है लेकिन शरीर में पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन प्रॉब्लम हो जाती है। सांस जैसी प्रॉब्लम का अहम कारण डिहाइड्रेशन भी है। क्योंकि जब शरीर में पानी की कमी होने लगती है तो हिस्टामाइन का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। जिसके कारण अस्थमा जैसी परेशानी कब हो जाती है पता ही नहीं चलता है। इसके शरीर में पानी की कमी बिलकुल न होने दें।