हड्डियों से कट-कट की आवाज आए तो हो जाएं सावधान, ये हो सकता है ऑस्टियोआर्थराइटिस का संकेत

By संदीप दाहिमा | Published: April 14, 2021 07:12 AM2021-04-14T07:12:29+5:302021-04-14T07:12:29+5:30

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जोड़ों से आने वाली आवाज को मेडिकल भाषा में क्रेपिटस कहा जाता है। क्रेपिटस सामान्य लोगों के जोड़ों को हिलाने-डुलाने पर आने वाली ध्वनि का मेडिकल नाम है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जोड़ों के भीतर रहने वाले द्रव में हवा के छोटे बुलबुले फूटते हैं। इन्हीं बुलबुलों के फूटने से यह आवाज पैदा होती है। कई बार जोड़ों के बाहर मौजूद मांसपेशियों के टेंडन या लिगामेंट्स की रगड़ से भी आवाज सुनाई देती है।

जोड़ों में हल्की चटकने की आवाज आना ऑस्टियोआर्थराइटिस का संकेत हो सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस एक तरह का गठिया रोग है, जिसमें हड्डियों के सिरों पर लचीले ऊतकों की संख्या कम हो जाती है। घुटनों के जोड़ों पर मौजूद कार्टिलेज धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। जैसे ही क्षतिग्रस्त घुटने का जोड़ गति करता है इससे टूटने या चटकने जैसी आवाजें आती हैं, जिसे घुटने की चरचराहट कहते हैं। यह आवाजें घुटने में अक्सर होती हैं और आमतौर पर दर्द नहीं देतीं।

अगर किसी बच्चे या किशोरावस्था में हड्डियों से कट-कट की आवाज आ रही है और उसकी हड्डियों में कोई दर्द या परेशानी का अनुभव नहीं हो रहा है तो परेशानी की कोई बात नहीं है। इसका मतलब यह नहीं कि बच्च्चे की हड्डियां कमजोर हैं या उसके शरीर में कैल्शियम की कमी है।

अगर आपको अक्सर यह समस्या होती है, तो जैसा हमने बताया यह गठिया का या हड्डियों के जोड़ों में लुब्रिकेंट की कमी का संकेत हो सकते हैं। इसलिए इससे समय पर राहत पाना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप कई घरेलू उपाय ट्राई कर सकते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए रात को आधा चम्मच मेथी दाना पानी में भिगो दें और सुबह मेथी दानों को चबा-चबा कर खाएं। उसके बाद पानी पी लें। इससे हड्डियों के बीच एयर बबल्स की समस्या खत्म हो सकती है।

इससे छुटकारा पाने के लिए और कैल्शियम की पूर्ति के लिए हल्दी वाले दूध का सेवन जरूर करें।

इसके अलावा दिन में एक बार गुड़ और भुने हुए चने जरूर खाएं। इससे हड्डियों की कमजोरी दूर हो जाएगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसका इलाज शारीरिक व्यायाम, वजन घटाने, दवा और दर्दनाक राहत उपचार के माध्यम से किया जाता है। उदाहरण के लिए, ऑस्टियोआर्थराइटिस वाले कुछ रोगियों को हायलूरोनिक एसिड इंजेक्शन दिया जाता है।