दो दोस्त एक साथ क्रिकेट को कहा अलविदा, तीनों प्रारूपों में शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी रैना, see pics

पिछले डेढ़ दशक में सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारत के शीर्ष खिलाड़ियों में शामिल रहे सुरेश रैना ने अपने पसंदीदा कप्तान और मेंटर महेंद्र सिंह धोनी के नक्शेकदम पर चलते हुए शनिवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की।

धोनी ने अपने इंस्टाग्राम पर अपने लाखों प्रशंसकों के लिए लिखा ‘अब मुझे रिटायर्ड समझा जाए’ जिसके कुछ ही मिनटों बाद रैना ने भी संन्यास की घोषणा कर दी।

रैना ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘‘माही (महेंद्र सिंह धोनी) आपके साथ खेलना शानदार रहा। पूरे गर्व के साथ इस यात्रा में मैं आपका साथ देता हूं। धन्यवाद भारत। जय हिंद।’’

तैंतीस साल के रैना दुनिया के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्होंने खेल के तीनों प्रारूपों में शतक जड़े हैं।

उन्होंने 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। रैना ने 2011 विश्व कप में भारत की खिताब जीत के दौरान आस्ट्रेलिया के खिलाफ महत्वपूर्ण नाबाद पारी खेली थी।

धोनी की कप्तानी, मैच के हालात को भांपने की क्षमता और विकेट के पीछे जबर्दस्त चुस्ती ने पूरी दुनिया के क्रिकेटप्रेमियों को दीवाना बना दिया था। वह कभी जोखिम लेने से पीछे नहीं हटे।

इसलिये 2007 टी20 विश्व कप का आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा जैसे नये गेंदबाज को दिया जो 2011 वनडे विश्व कप के फाइनल में फार्म में चल रहे युवराज सिंह से पहले बल्लेबाजी के लिये आये।

दोनों बार भारत ने खिताब जीता और धोनी देशवासियों के नूरे नजर बन गए। आईपीएल में तीन बार चेन्नई को जिताकर वह ‘थाला’ कहलाये। चेन्नई टीम के सीईओ काशी विश्वनाथ ने हाल ही में कहा था कि वह कम से कम 2022 तक टीम के लिये खेलते रहेंगे।

पिछले साल धोनी ने प्रादेशिक सेना में अपनी यूनिट को सेवायें दी जिसमें वह मानद् लेफ्टिनेंट कर्नल है । इसके साथ ही रांची में जैविक खेती भी की और कुछ मौकों पर नेट पर अभ्यास करते भी नजर आये।