क्रिकेटर के साथ अंपायर भी हैं मैरी वाल्द्रों, फुटबॉल में देश के प्रतिनिधत्व, खेल चुकीं हॉकी-बास्केटबॉल

5 मई 1984 को आयरलैंड के डबलिन में जन्मी मैरी वेरोनिका वाल्द्रों ने अपने काम से इतिहास रचा है। मैरी विश्व स्तर पर 38 वर्षों में मेन्स फर्स्ट ग्रेड मैच में अंपायर बनने वाली पहली महिला रही हैं। उन्होंने दो वर्ष पूर्व (2017) में ये कारनाम किया। मैरी पिछले वर्ष अगस्त 2018 में लिस्ट-ए और आईसीसी मेन्स टी20 में अंपायर बनने वाली पहली महिला बनीं।

क्रिकेटर और प्रोफेशनल अंपायर होने से पूर्व मैरी वाल्द्रों एक प्रोफेशनल फुटबॉलर थीं, जिसमें वह बतौर स्ट्राइकर खेलीं। मैरी ने यूईएफए वीमेंस चैम्पियन्स लीग, आइरिश क्लब यूसीडी वेव्स की तरफ से खेला था, जिसमें वाल्द्रों ने रिपब्लिक ऑफ आयरलैंड के सभी आयु-समूहों का प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा मैरी वाल्द्रों हॉकी और बास्केट बॉल में भी कई कीर्तिमान बना चुकी हैं।

मैरी वाल्द्रों ने 9 वर्ष पूर्व ही क्रिकेट खेलना प्रारंभ किया था उससे पहले मैरी ने कभी क्रिकेट नहीं खेला था। जब वह 28 वर्ष की थीं तब आयरलैंड पहली बार वर्ल्ड टी20 के लिए चुना गया था।

इस दौरान उन्होंने क्रिकेट ट्रेनिंग शुरू कर दी और क्रिकेट में अपना करियर बनाने के लिए पूरी तरह से लग गईं। 11 साल की उम्र से ही वह फुटबॉल खेलने लगी थीं और 13 वर्ष में वह आयरलैड की जूनियर लेवल फुटबॉल के लिए सिलेक्ट हो गई थीं।

मैरी वाल्द्रों ने कभी भी सॉकर (फुटबॉल) के अलावा किसी भी खेल के बारे में कभी नहीं सोचा था, पर जुलाई 2010 में वाल्द्रों ने पहली बार क्रिकेट में अपना डेब्यू मैच न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला।

बात अगर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन की करें, तो दाएं हाथ की बल्लेबाज मैरी 40 वनडे मैचों की 32 में 343 रन बना चुकी हैं। वहीं 48 टी20 मैचों में उन्होंने 199 रन बनाए हैं। बात विकेटकीपिंग की करें, तो मैरी दोनों फॉर्मेट में कुल 28 स्टंप्स और 47 कैच लपक चुकी हैं।

मैरी वाल्द्रों ने अंपायर बनने का मन तब बनाया, जब वह मलाहडे की अंडर-15 टीम की इंचार्ज थीं। अब वह क्रिकेटर होने के साथ-साथ अंपायर भी हैं। खुद अंपायर होने के नाते वह इस पद का सम्मान करती हैं और कई बार बैटिंग करते वक्त आउट दिए जाने पर भी उन्होंने कोई आपत्ति नहीं जताई है।