अब तक ये 8 स्टार पाकिस्तानी क्रिकेटर्स हो चुके 'फिक्सिंग' की वजह से बैन

सलीम मलिक (2000) - मैच फिक्सिंग के लिए उम्रकैद की सजा पाने वाले पहले क्रिकेटर, जिन्हें जेल की सजा भी हुई। 2008 में एक अदालत ने उनके ऊपर से जीवन प्रतिबंध को हटा दिया।

अतर-उर-रहमान (2000) - रहमान को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था। उन पर बुकी से संपर्क होने का आरोप था। हालांकि साल 2006 में प्रतिबंध हटा दिया गया था।

दानिश कनेरिया (2010) - पाकिस्तान के लिए 61 टेस्ट और 18 वनडे खेलने वाले दानिश कनेरिया 2009 में काउंटी क्रिकेट खेलते हुए स्पॉट फिक्सिंग में दोषी पाए गए थे।इस विवाद में कनेरिया के एसेक्स के साथी मर्विन वेस्टफील्ड को दो महीने की जेल की सजा हुई थी। साल 2018 में उन्होंने सट्टेबाज अनु भट्ट एक ओवर में 12 रन देने के लिए 7862 डॉलर लेने की बात स्वीकार की थी। कनेरिया को इस मामले में बिचौलिया करार दिया गया था जिन्होंने मर्विन का परिचय भट्ट से कराया था। इस स्पिनर को इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया।

मोहम्मद आमिर (2011) - स्पॉट फिक्सिंग मामले में मोहम्मद आमिर को दोषी पाया गया। उन्होंने जानबूझकर मैच में नो बॉल फेंकी थी। इसके चलते आमिर को 5 साल के लिए बैन कर दिया गया था।

मोहम्मद आसिफ (2011) - आसिफ ने इंग्लैंड के खिलाफ अगस्त 2010 में मैच के दौरान जानबूझकर नो बॉल फेंकी थी। उन्हें साउथवार्क क्राउन कोर्ट में 12 महीने जेल की सजा सुनाई गई। साथ ही आमिर पर 7 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया।

सलमान बट्ट (2011) - इस खिलाड़ी पर भी इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। बट्ट को कोर्ट ने 18 महीनों की जेल की सजा सुनाई। साथ ही उन पर 10 साल का बैन लगाया गया, जो बाद में घटा कर 5 साल का कर दिया गया।

शारजील खान (2017) - पाकिस्तान सुपर लीग में स्पॉट फिक्सिंग करने वाले पहले पाकिस्तानी खिलाड़ी। उन्हें पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।

उमर अकमल (2020) - पीसीबी ने फरवरी में अकमल को निलंबित कर दिया। उन पर पीसीबी से फिक्सिंग के बारे में जानकारी छिपाने का आरोप था। वह एक ही मामले में दोषी पाया गए हैं अब उन्हें तीन साल के लिए सभी क्रिकेट टूर्नामेंट से दूर रहना होगा।