उनके करियर की शुरुआत में उनकी गेंदबाजी शैली की भी आलोचना की गई थी, लेकिन उनकी शैली को उपयुक्त माना गया था। वह 2001 में ऑस्ट्रेलिया सीरीज से लौटे थे। अनिल कुंबले के चोटिल होने के बाद कप्तान सौरव गांगुली ने मांग की कि भज्जी को टीम में शामिल किया जाए। इस सीरीज में टीम इंडिया को 0-1 से पिछड़ने के बाद 2-1 से ऐतिहासिक जीत मिली। भज्जी ने तीन मैचों में 32 विकेट लिए, जिसमें एक हैट्रिक भी शामिल है। वह एक टेस्ट में हैट्रिक लेने वाले पहले भारतीय बने।