Birthday Special: 10 famous Dialogues of Amrish Puri
बर्थडे स्पेशल: अमरीश पुरी के 10 फेमस डायलॉग By संदीप दाहिमा | Published: June 22, 2019 07:20 AM2019-06-22T07:20:15+5:302019-06-22T07:20:15+5:30Next Next जा सिमरन...जा जी ले अपनी जिंदगी...जा बेटा जा जवानी में अक्सर ब्रेक फेल हो जाया करता है इतने टुकड़े करूंगा कि पहचाना नहीं जाएगा प्रेमी है, पागल है, दीवाना है मोगैंम्बो खुश हुआ घास और दुश्मनी कहीं भी और कभी भी पैदा हो सकती है आदमी के पास दिमाग हो ना तो वो अपना दर्द भी बेच सकता है जो जिंदगी मुझसे टकराती है...वो सिसक-सिसक कर दम तोड़ती है जरूरतों ने पर काट दिए हैं...रोटी पांव की जंजीर बन गई है ये दौलत भी क्या चीज है...जिसके पास जितनी भी आती है...कम ही लगती हैटॅग्स :अमरीश पुरीAmrish Puriशेअर :