World Bee Day 2020 (विश्व मधुमक्खी दिवस): मधुमक्खी पालन करके बनें आत्मनिर्भर, मीठी क्रांति में हिस्सा लेकर करें अपनी आय दोगुनी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 19, 2020 05:06 PM2020-05-19T17:06:24+5:302020-05-19T17:06:24+5:30
World Bee Day 2020 (विश्व मधुमक्खी दिवस): अगर आप बेहद कम खर्च पर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो इसके मधुमक्खी पालन बेहद उपयुक्त है. मधुमक्खी पालन कृषि व बागवानी उत्पादन बढ़ाने की क्षमता भी रखता है।
कोरोना वायरस संकट के बीच अगर आप कोई नया व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो इसके मधुमक्खी पालन मुफीद रहेगा। यह व्यवसाय बेहद खर्च के साथ शुरू किया जा सकता है। भारत सरकार भी मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कदम उठा रही है। कोरोना संकट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मधुमक्खी पालकों के लिए 500 करोड़ रुपये मदद का ऐलान किया है। इससे दो लाख से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा।
मधुमक्खी पालन से शहद और मोम दोनों की उपज हो सकती है। मार्च 2020 में भारत ने लगभग 50,000 मीट्रिक टन शहद का निर्यात किया था जबकि वित्तवर्ष 2018-19 में भारत ने लगभग 1,000 करोड़ रुपये के लिए 62,500 मीट्रिक टन शहद का निर्यात किया। भारतीय शहद की मांग अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात और यूरोप में बहुत ज्यादा है। वर्तमान में शहद बाजार का मूल्य 500 मिलियन डॉलर है और 2025 में इसकी पहुंच 1130 मिलियन डॉलर होने की है।
शहद बाजार को ही देखते हुए साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीठी क्रांति योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत मधुमक्खी पालकों को सरकारी अनुदान मिलता है। झारखंड में मधुमक्खी पालकों 80 फीसदी तक अनुदान मिलता है जबकि उत्तर प्रदेश में पालकों 40 फीसदी तक अनुदान मिल जाता है।
सिर्फ एक डब्बे से भी शुरू कर सकते हैं मधुमक्खी पालन
वैज्ञानिक तरीके से विधिवत मधुमक्खी पालन का काम अठारहवीं सदी के अंत में ही शुरू हो गया था। मधुमक्खी पालन व्यवसाय को खेती किसानी से जुड़े लोग या फिर बेरोजगार आसानी से शुरू कर लाखों रुपये कमा सकते हैं। शुरुआत एक मधुमक्खी पालन बक्से से हो सकती है। एक बक्से की कीमत करीब 4000 रुपये होती है। विभिन्न राज्यों में नेशनल बी बोर्ड से प्रमाणित संस्थाएं है उनसे आप मधुमक्खियों को खरीद सकते है। इसके अलावा उद्यान विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र से भी आप मधुमक्खी ले सकते हैं।
मधुमक्खी पालन के लिए जरूरी बातें
-सरकार द्वारा प्रमाणित संस्थाओं से ही मधुमक्खियां खरीदें
-पुष्पीय पौधों की उपलब्धता के बाद ही मधुमक्खी पालन बॉक्स रखें
-शांत जगह का चुनाव करें जहां ज्यादा शोर ना हो
-बीमारियों की देखरेख करते रहें