ATM से पैसे निकालना हो सकता है महंगा, ये है वजह

By स्वाति सिंह | Published: February 16, 2020 08:21 AM2020-02-16T08:21:52+5:302020-02-16T08:21:52+5:30

एटीएम इंडस्ट्री या कंफेडरेशन ऑफ इंडियान इंडस्ट्री (सीएटीएमआई) का कहना है कि कंपनियों को कारोबार चलाने के लिए यह रकम काफी नहीं है। आरबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी को 13 फरवरी को भेजे गए एक पत्र के मुताबिक, कंपनियों को लगातार हो रहा नुकसान न सिर्फ एटीएम बिजनेस की व्यवहार्यता पर असर डाल रहा है, बल्कि इससे नए एटीएम लगने की रफ्तार भी सुस्त हो गई है। 

Withdrawing money from ATM can be costly, demand for increasing interchange fee | ATM से पैसे निकालना हो सकता है महंगा, ये है वजह

आरबीआई ने प्रति ग्राहक मुफ्त ट्रांजैक्शंस की अधिकतम सीमा 5 और इंटरचेंज फी प्रति ट्रांजैक्शन 15 रुपए तय कर रखा है। 

Highlightsआगामी दिनों में एटीएम से पैसे निकालना महंगा हो सकता है।देश के एटीएम ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने भारतीय रिजर्व बैंक से इंटरचेंज फी बढ़ाने की मांग की है।

आगामी दिनों में एटीएम से पैसे निकालना महंगा हो सकता है। देश के एटीएम ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने भारतीय रिजर्व बैंक से इंटरचेंज फी बढ़ाने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि एटीएम चलाने वाली कंपनियों को कोई फायदा नहीं हो रहा है, इसलिए नगदी निकासी पर ग्राहकों को लगने वाले इंटरचेंज फी को बढ़ाने की जरूरत है। 

एटीएम मशीनें चलाने वाली इन कंपनियों का तर्क है कि आरबीआई के सुरक्षा मानकों के अनुपालन में इजाफा और मेंटनेंस की वजह से टेलर मशीनों को चलाने में आने वाली लागत बढ़ गई है, जबकि उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया, जिसकी वजह से इंटरचेंज फी बढ़ाना जरूरी हो गया है। आरबीआई ने प्रति ग्राहक मुफ्त ट्रांजैक्शंस की अधिकतम सीमा 5 और इंटरचेंज फी प्रति ट्रांजैक्शन 15 रुपए तय कर रखा है। 

एटीएम इंडस्ट्री या कंफेडरेशन ऑफ इंडियान इंडस्ट्री (सीएटीएमआई) का कहना है कि कंपनियों को कारोबार चलाने के लिए यह रकम काफी नहीं है। आरबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी को 13 फरवरी को भेजे गए एक पत्र के मुताबिक, कंपनियों को लगातार हो रहा नुकसान न सिर्फ एटीएम बिजनेस की व्यवहार्यता पर असर डाल रहा है, बल्कि इससे नए एटीएम लगने की रफ्तार भी सुस्त हो गई है। 

पत्र में कहा गया है, इन सबके बीच आरबीआई बिना उनकी आर्थिक सेहत पर ध्यान दिए सुरक्षा के विभिन्न उपायों का अनुपालन करने की मांग करती रही है, जिससे इस क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। 

आरबीआई ने गठित की थी कमिटी उल्लेखनीय है कि पिछले साल ही आरबीआई ने उच्चस्तरीय कमिटी का गठन किया था। इस कमिटी की जिम्मेदारी थी कि वो ये बताए कि देश में एटीएम की संख्या को कैसे बढ़ाया जाएगा और सुदूर जगहों पर एटीएम की पहुंच कैसे बढ़े। दिसंबर-2019 में ही इस कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। सूत्रों के अनुसार 6 सदस्यीय इस कमेटी के सुझाव में कहा गया था कि इंटरचेंज को बढ़ाया जाए।

क्या है कमिटी का सुझाव 

उन शहरी क्षेत्रों में जहां की कुल आबादी 10 लाख से अधिक है, उसके लिए कमिटी ने सुझाव दिया है कि फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर इंटरचेंज फीस को 17 रुपए और नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन को 7 रुपए किया जाए। इस सुझाव में यह भी कहा गया कि फ्री विड्रॉल की लिमिट को घटाकर 3 कर दिया जाए। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए सुझाव में कहा गया है कि जहां की आबादी 10 लाख से कम है, वहां इंटरचेंज चार्ज को बढ़ाकर 18 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन कर दिया जाए। 18 रुपए का चार्ज फाइनेंशियल चार्ज और 8 रुपए नॉन-फाइनेंशियल चार्ज के तौर पर 8 रुपए वसूला जाए। वहीं, फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट को 6 कर दिया जाए। 

Web Title: Withdrawing money from ATM can be costly, demand for increasing interchange fee

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