लॉकडाउन के बीच भी इन्वेस्टमेंट के लिए लोगों का पसंदीदा ऑप्शन है PPF, बिना जोखिम उठाए फायदा
By स्वाति सिंह | Published: July 27, 2020 01:59 PM2020-07-27T13:59:21+5:302020-07-27T13:59:21+5:30
पीपीएफ के नए नियमों के मुताबिक खाताधारक एक साल में चाहे जितनी बार रकम जमा कर सकता है। कुल मिलाकर एक साल में यह रकम डेढ़ लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। पहले खाताधारक एक साल में सिर्फ 12 बार ही डिपॉजिट कर सकता था। नए नियम में 12 बार की बाध्यता खत्म होने से खाताधारकों को सहूलियत होगी।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) निवेशकों के लिए फायदे का सौदा रहा है। अगर आप बिना जोखिम के निवेश करना चाहते हैं तो यह अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें निवेश की रकम पर मिलने वाली टैक्स छूट, मैच्योरिटी पर भी टैक्स नहीं और साथ साथ ही सरकार की सुरक्षा ने इसे आज भी लोकप्रिय बनाए रखा है। बैंक की शाखा या डाकघर से आप अपना पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं।
पीपीएफ खाते से जुड़ी कुछ जरूरी बातेंः-
- पीपीएफ में निवेश पर ना सिर्फ आपको 80सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है बल्कि इसके ब्याज और मैच्योरिटी की रकम भी टैक्स फ्री होती है।
- सरकार हर तिमाही में पीपीएफ की ब्याज दरों की घोषणा करती है। फिलहाल पीपीएफ अकाउंट पर 8 प्रतिशत की दर से ब्याज मिल रहा है।
- एक वित्त वर्ष में आप 500 रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक पीपीएफ खाते में जमा कर सकते हैं।
- एक साल में आप पीपीएफ खाते में 12 बार से अधिक निवेश नहीं कर सकते। खाते में एकमुश्त राशि भी जमा की जा सकती है।
- सरकार के निर्देशों के मुताबिक एक व्यक्ति सिर्फ एक पीपीएफ खाता खोल सकता है। यदि दो खाते खोल दिए गए हैं तो दूसरे खाते में कोई ब्याज नहीं मिलेगा।
- आप एक वर्ष में अधिकतम 12 बार जमा कर सकते हैं। आप एक बार में 5 रुपये या उससे अधिक राशि जमा करनी होगी। आपको हर बार एक सामान राशि जमा करने की ज़रुरत नहीं है। परन्तु एक साल में 1.5 लाख रुपये से ज्यादा जमा नहीं कर सकते।
सभी जानते चाहते हैं कि नए नियमों से उपभोक्ताओं का फायदा होगा या नुकसान। हम आपको पांच आसान बिंदुओं में बताने जा रहे हैं कि पीपीएफ से जुड़े किन नियमों को बदला गया है और इसका क्या असर होगा।
#1. पीपीएफ के नए नियमों के मुताबिक खाताधारक एक साल में चाहे जितनी बार रकम जमा कर सकता है। कुल मिलाकर एक साल में यह रकम डेढ़ लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए। पहले खाताधारक एक साल में सिर्फ 12 बार ही डिपॉजिट कर सकता था। नए नियम में 12 बार की बाध्यता खत्म होने से खाताधारकों को सहूलियत होगी।
#2. पीपीएफ के नए नियमों के मुताबिक पीपीएफ पर कर्ज की ब्याज दर को 1 प्रतिशत कर दिया है। अर्थात अगर आपको पीपीएफ पर 8 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलती है तो उस पर लिए गए कर्ज पर 9 प्रतिशत ब्याज देना होगा। पहले यह दर 10 प्रतिशत होती। इस लिहाज से यह बदलाव भी खाताधारकों के हित में है।
#3. 2016 में सरकार ने पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने की अनुमति दी थी। पीपीएफ योजना 2019 में जिस खाते को खोला गया है, उस वर्ष के अंत के बाद 5 वित्तीय वर्षों के पूरा होने के बाद समय से पहले इसे बंद करने की अनुमति है। हालांकि, इसके लिए पीपीएफ योजना 2019 के तहत एक विशेष फॉर्म, फॉर्म 5 बनाया गया है।
#4. इससे पहले सरकार ने खाताधारक, पति या पत्नी, आश्रित बच्चों या माता-पिता को प्रभावित करने वाली गंभीर बीमारियों या जीवन के लिए खतरा होने पर पीपीएफ खाते को समय से पहले बंद करने की अनुमति दी थी। यह जस का तस है, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।