टीडीएस रिफंड मामले में आयकरदाताओं को बड़ी राहत, गुजरात उच्च न्यायालय ने लिया यह फैसला
By ज्ञानेश चौहान | Published: March 19, 2019 08:32 AM2019-03-19T08:32:49+5:302019-03-19T08:32:49+5:30
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्या. अकील कुरैशी और बी एन कारिया की पीठ ने मुंबई उच्च न्यायालय के इसी तरह के फैसले का आधार लेकर पटेल की रिफंड की मांग मंजूर की।
गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले से टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) रिफंड मांगने वाले आयकरदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। करदाता को मिली रकम पर देने वाले ने टीडीएस कटौती की हो, लेकिन वह रिटर्न द्वारा सरकार के पास जमा नहीं किया हो तो भी करदाता को अब काटे गए टीडीएस का रिफंड मिल सकेगा।
इस मामले में करदाता दर्शन आर पटेल ने आयकर उपायुक्त के खिलाफ गुजरात उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। पटेल पायलट है। 2012-13 में उनकी कंपनी ने पटेल के वेतन से 2.68 लाख रुपए टीडीएस काटा, लेकिन वह सरकार के पास जमा नहीं किया। पटेल ने अगले वर्ष आयकर विवरण (रिटर्न) भरा और 47 हजार रुपए रिफंड की मांग की थी। आयकर उपायुक्त ने पटेल का दावा अस्वीकार किया। इस फैसले को पटेल ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्या. अकील कुरैशी और बी एन कारिया की पीठ ने मुंबई उच्च न्यायालय के इसी तरह के फैसले का आधार लेकर पटेल की रिफंड की मांग मंजूर की।
पटेल ने आयकर रिटर्न के साथ 2012-13 के वेतन के रूप में मिले फॉर्म नंबर 16A में टीडीएस कटौती किए जाने का सबूत पेश किया। कंपनी ने टीडीएस जमा नहीं किया जो कंपनी की गलती है। उनके लिए पटेल को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उस कारण आयकर विभाग पटेल की 47 हजार रुपए रिफंड की मांग मंजूर करे और नहीं भरी गईा टीडीएस की रकम कंपनी से वसूल करने का आदेश दिया गया।
इस फैसले का इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, पश्चिम विभागीय मंडल के सदस्य अभिजीत केलकर ने स्वागत किया। टीडीएस सरकार के पास जमा नहीं करने के मामले बढ़ रहे हैं। इससे करदाताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस फैसले से इस तरह के मामलों पर अंकुश लगेगा। केलकर ने कहा कि करदाताओं के लिए यह बड़ी राहत है।