Ril Rights Issue: अगर आपके पास हैं रिलायंस के शेयर तो खरीदें कंपनी का राइट्स इश्यू, 14 फीसदी पड़ेगा सस्ता
By भाषा | Published: May 16, 2020 02:17 PM2020-05-16T14:17:17+5:302020-05-16T14:22:39+5:30
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) 30 सालों में पहली बार राइट्स इश्यू ला रही है. इसके जरिए कंपनी के पुराने शेयरधारक 14 फीसदी कम दाम में रिलायंस के अतिरिक्त शेयर खरीद सकते हैं.
एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की की रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) का राइट्स इश्यू 20 मई को खुलेगा। कंपनी का लक्ष्य राइट्स इश्यू के जरिए बाजार से 53125 करोड़ रुपये जुटाना है। इसके लिए कंपनी के शेयरधारक तीन जून तक आवेदन कर सकते हैं। आरआईएल ने 15 मई को इसकी जानकारी बाजार नियामक संस्था सेबी को दे दी है।
30 साल में पहली बार कंपनी ला रही है राइट्स इश्यू
रिलायंस कंपनी 30 सालों में पहली बार राइट्स इश्यू लाने जा रही है जिसे भारत में अब तक का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू कहा जा रहा है। कंपनी शेयरधारकों को 15 शेयर पर 1 अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका दे रही है। राइट्स इश्यू के जरिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियां पूंजी जुटाती है। इसके जरिए कंपनी के पुराने शेयरधारक को अतिरिक्त शेयर खरीदने का मौका मिलता है। साथ ही पुराने शेयरधारक को डिस्काउंट रेट पर शेयर खरीदने का मौका मिलता है। कंपनी ने अपने बयान में स्पष्ट कर दिया है जिनके पास 14 मई तक रिलायंस के शेयर रहेंगे वो आवेदन कर सकते हैं।
14 फीसदी सस्ते मिलेंगे शेयर
आरआईएल का राइट्स शेयर 1,257 रुपये के भाव पर दिया जाएगा। यह 30 अप्रैल को इस शेयर के बंद भाव से 14 प्रतिशत सस्ता है। राइट्स इश्यू से कंपनी को अपना कर्ज भार कम करने में मदद मिलेगी। 31 मार्च, 2020 तक कंपनी पर 3,36,294 करोड़ रुपये की देनदारी थी। इसी अवधि में कंपनी के पास 1,75,259 करोड़ नकद राशि थी। इस तरह पिछले वित्त वर्ष के अंत में उस पर शुद्ध कर्ज भार 1,61,035 करोड़ रुपये था।
आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने पिछले साल अगस्त में आरआईएल का शुद्ध कर्ज भार 2021 तक शून्य करने का लक्ष्य तय किया था। कंपनी ने हाल में अपने डिजिटल प्लेट फार्म जियो में कुछ छोटे- छोटे हिस्से फेसबुक और कुछ अन्य चुनिंदा निवेशकों को बेचे हैं।
कंपनी अपने पेट्रोलियम/ पेट्रोरसायन कारोबार का एक हिस्सा सऊदी अरब की सऊदी अरामको को 15 अरब डॉलर में बेचने की बात कर रही है। रिलायंस ने पेट्रोल पंप कारोबार का आधा हिस्सा सात हजार करोड़ में बीपी को बेच दिया है। इसी तरह दूरसंचार टावर कारोबार 25,200 करोड़ रुपये में ब्रुकफील्ड को बेचा जा चुका है।