FD पर घटी ब्याज दरें , पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना और एनएससी में निवेश बेहतर विकल्प
By निखिल वर्मा | Published: July 20, 2020 01:10 PM2020-07-20T13:10:18+5:302020-07-20T13:20:14+5:30
सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) पर मौजूदा समय में 7.1% दर से ब्याज मिल रहा है।
हाल के दिनों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सहित बैंकों ने सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दरों में बड़ी कटौती की है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक साल की एफडी पर ब्याज दर घटकर 5.10% पर आ गई है। बाजार के जानकारों का कहना है कि भविष्य को योजनाओं को ध्यान रखते हुए मौजूदा समय में निवेश पर निश्चित आय पाने के लिए पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि खाता व नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट बेहतर विकल्प हैं।
1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड: पीपीएफ निवेशकों के बीच सबसे लोकप्रिय टैक्स सेविंग योजना है जिस पर बढ़िया रिटर्न मिलता है। इस समय पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी है। अप्रैल महीने में कोरोना वायरस संकट के बीच केंद्र सरकार ने पीपीएफ की ब्याज दर 7.9 से घटाकर 7.1 कर दिया था। इसके बावजूद इस कई योजनाओं की तुलना में पीपीएफ में अधिक रिटर्न मिल रहा है।
पीपीएफ में निवेश करने पर आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट भी मिलती है। पीपीएफ में मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर आयकर के सेक्शन 10 के तहत किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं चुकाना पड़ता है। पीपीएफ 15 साल की स्कीम है, जिसमें 5 साल का लॉक-इन पीरियड है।
2. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट: अगर आप न्यूनतम लॉक-इन पीरियड के साथ सुरक्षित रिटर्न चाहते हैं तो आप एनएससी स्कीम को चुन सकते हैं। एनएससी में पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है और आपको निवेश पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलता है। हालांकि, यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है। सरकार पीपीएफ और एनएससी के ब्याज दर की हर तिमाही में समीक्षा करती है। इस समय पर एनएससी पर ब्याज दर 6.8 फीसद है। आप डाकघरों के माध्यम से एनएससी खरीद सकते हैं।
3. नेशनल पेंशन सिस्टम: टैक्स बचाने के लिए आप नेशनल पेंशन सिस्टम में भी निवेश कर सकते हैं। नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस एक सरकारी रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है, जिसे केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 को लॉन्च किया था। यह फंड निवेशक के रिटायरमेंट के समय मेच्योर होता है। इस स्कीम में 18-60 साल का व्यक्ति निवेश कर सकता है।
4. सुकन्या समृद्धि योजना: इस योजना के तहत 8.1 फीसदी का ब्याज दर देने का प्रावधान है, जिसकी गणना सालाना आधार पर की जाती है। इस योजना में ग्रहाकों के लिए न्यूनतम निवेश राशि 250 रुपये और अधिकतम 1,50,000 का प्रावधान रखा गया है। इस योजना के तहत एक बच्ची के नाम पर केवल एक खाता खोला जा सकता है।