लाखों बैंक कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, मिलेगी 15 फीसदी ज्यादा सैलरी
By निखिल वर्मा | Published: July 23, 2020 01:56 PM2020-07-23T13:56:37+5:302020-07-23T13:59:13+5:30
सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की सैलरी में 15 फीसदी के इजाफे का फैसला लिया गया है।
बैंक कर्मचारी संघ और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के बीच वेतन में 15 प्रतिशत सालाना वृद्धि को लेकर समझौता हो गया है। इस समझौते से बैंकों पर 7,900 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक बोझ बढ़ेगा।
यह फैसला बैंक प्रबंधन का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन आईबीए और बैंकों के कर्मचारियों व अधिकारियों की यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाले यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) के सदस्यों के बीच हुई बैठक में लिया गया। बैंक यूनियंस और आईबीए के बीच हुये समझौते के मुताबिक यह वेतन वृद्धि नवंबर 2017 से प्रभाव में आयेगी।
समझौते के मुताबिक वेतन और भत्तों में सालाना 15 प्रतिशत वृद्धि 31 मार्च 2017 के वेतन बिल के आधार पर दी जायेगी। पे-स्लिप में शामिल मदों के मुताबिक इस पर 7,898 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय होगा। सार्वजनिक, निजी और विदेशी बैंकों सहित 37 बैंकों ने अपने कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के बारे में निर्णय लेने के लिये आईबीए को अधिकार दिया हुआ है।
इंडियन बैंक्स एसोसिएशन और बैंक कर्मचारियों के बीच मतभेद के चलते इस बार सैलरी में रिविजन लंबे समय से अटका हुआ था, जबकि यह नवंबर 2017 में ही होना था। दरअसल बैंक कर्मचारियों की मांग थी कि उनकी सैलरी में 20 फीसदी का इजाफा किया जाना चाहिए, जबकि इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने 12.5 फीसदी का प्रस्ताव दिया था। दरअसल बैंक कर्मचारी संगठन लंबे समय से यह शिकायत करते रहे हैं कि उनकी सैलरी अन्य सरकारी कर्मचारियों और यहां तक कि निजी बैंकों के समकक्षों के मुकाबले काफी कम है।
बता दें कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों के बीच वेतन असमानता एक दीर्घकालिक समस्या है, इससे शीर्ष केंद्रीय बैंकरों के बीच बहस शुरू हो गई है। लेकिन, सरकार ने मामूली बदलावों को छोड़कर अब तक वेतन संरचना में सुधार के लिए काम नहीं किया है। अगस्त 2016 में रिजर्व बैंक ऑफ के पूर्व गवर्नर, रघुराम राजन ने इस विषय पर एक बहस छेड़ी थी, जब उन्होंने कहा था कि RBI सहित PSB के शीर्ष स्तर के कर्मचारियों का वेतन वैश्विक मानकों से कम है।