खुशखबरीः अब विशेष भत्ते भी होंगे मूल वेतन का हिस्सा, सबको जोड़कर ही कटेगा पीएफ
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 2, 2019 10:23 AM2019-03-02T10:23:40+5:302019-03-02T10:23:40+5:30
इस फैसले का उन कर्मचारियों पर असर नहीं होगा, जिनका मूल वेतन और विशेष भत्ता हर माह 15000 रुपए से ज्यादा हैं
नई दिल्ली, 1 मार्चः भविष्य निधि (पीएफ) की गणना के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पीएफ सदस्यों के लिए एक बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, विशेष भत्ता भी मूल वेतन का हिस्सा है और इसके आधार पर (इन सबको जोड़कर ही) पीएफ कटना चाहिए. कंपनियां सैलरी से विशेष भत्ते को अलग नहीं कर सकती.
पूर्व में कंपनियां पीएफ काटते समय मूल वेतन में विशेष भत्ते को नहीं जोड़ती थीं. इसे लेकर पीएफ ट्रिब्यूनल सहित अन्य जगहों पर कर्मचारियों के केस चल रहे थे. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने के बाद कर्मचारियों के हिस्से बड़ी खुशी आई है. अब कंपनियों को पीएफ कटौती की गणना में ये भत्ते भी जोड़ने होंगे.
हालांकि, इस फैसले का उन कर्मचारियों पर असर नहीं होगा, जिनका मूल वेतन और विशेष भत्ता हर माह 15000 रुपए से ज्यादा हैं. सुप्रीम कोर्ट की बेंच से पूछा गया था कि क्या संस्थान कर्मचारी को जो विशेष भत्ता देते हैं, वे कटौती के कम्प्यूटेशन के लिए मूल वेतन के दायरे में आएंगे कि नहीं.
इस पर फैसला देते हुए जस्टिस सिन्हा ने कहा, ''तथ्यों के आधार पर मजदूरी संरचना (वेज स्ट्रक्चर) और वेतन के अन्य हिस्सों को देखा गया है. कानून के तहत अथॉरिटी और अपीलीय अथॉरिटी दोनों ने इसकी परख की है. ये दोनों ही इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि भत्ता मूल वेतन का हिस्सा है. इसे छद्म तरीके से भत्ता की तरह दिखाया जाता है ताकि कर्मचारियों के पीएफ खाते में कटौती और योगदान से बचा जा सके. तथ्यों के निष्कर्ष के साथ हस्तक्षेप का मामला नहीं बनता है.