महिला कर्मचारियों को बड़ा तोहफा, बच्चे की देखभाल के लिए मिलेगा 6 माह का अवकाश
By सतीश कुमार सिंह | Published: March 9, 2021 01:59 PM2021-03-09T13:59:03+5:302021-03-09T14:00:05+5:30
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने महिलाओं से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों के लिए 37,188 करोड़ रुपए के अनुदान की भी घोषणा की.
बेंगलुरुः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी. एस. येदियुरप्पा ने सोमवार को पेश राज्य के 2021- 22 के बजट में राज्य सरकार की नौकरी कर रही महिलाओं को नवजात बच्चे की देखभाल के लिए छह माह का अवकाश देने का प्रस्ताव किया है.
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिलाओं से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों के लिए 37,188 करोड़ रुपए के अनुदान की भी घोषणा की. कर्नाटक विधानसभा में 2021- 22 का बजट पेश करते हुए येदियुरप्पा ने बेंगलुरु तथा अन्य शहरों में स्थित आंगनवाड़ियों को उन्नत कर शहरी कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए पालनाघर बनाने की भी घोषणा की है.
उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला केंद्र स्थित दो प्रमुख सरकारी कार्यालयों पर इस तरह के बच्चों की देखभाल के लिए पालनाघर खोले जाएंगे. इसके साथ ही कुछ और घोषणाएं भी की गईं. मुख्यमंत्री ने कहा, ''राज्य सरकार की महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश सहित कुल मिलाकर छह महीने का बच्चे की देखभाल का अवकाश दिया जाएगा. मातृत्व अवकाश देने की व्यवस्था पहले से ही है. महिलाओं के कल्याण की दिशा में यह एक अनुपूरक कदम है. महिलाएं हमारे प्रशासनिक मशीनरी का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा हैं.''
मामूली ब्याज दर पर कर्ज देने की घोषणा: येदियुरप्पा ने महिला विकास बोर्ड, कर्नाटक राज्य वित्त निगम के जरिये चार प्रतिशत की रियायती दर पर सेवा क्षेत्र में काम करने वाली महिला उद्यमियों को 2 करोड़ रुपए तक की ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की भी घोषणा की.
राज्य सरकार ने संजीवनी योजना के तहत ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिये 6,000 सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना के लिए पंचायती राज संस्थानों को समर्थन दिए जाने की भी घोषणा की है. इससे राज्य की 60 हजार महिलाओं को लाभ होगा.
ये भी प्रस्ताव दिए: येदियुरप्पा ने बेंगलुरु में गारमेंट क्षेत्र में काम करने वाली महिला श्रमिकों को बेंगलुरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) की बसों में रियायती दर पर बस पास देने के लिए 30 करोड़ रुपए की लागत से 'वनीता संगती की घोषणा की है.
उन्होंने महिलाओं को रोजगार पाने के मामले में विभिन्न कानूनों और नियमों की नए सिरे से परीक्षण करने का भी प्रस्ताव किया है. पंचायती राज प्रणाली में महिला बजट और बाल कल्याण बजट शामिल करने का भी प्रस्ताव किया है.
महिलाओं के उत्पाद बेचने में मदद: सरकार ने यह भी प्रस्ताव किया है कि वह महिला स्वयं सहायता समूहों, महिला उद्यमियों को मंडल स्तर पर वार्षिक मेलों का आयोजन कर उत्पादों को बाजार समर्थन देगी. इसके साथ ही ई- बाजार सुविधा को भी अमल में लाया जाएगा.