SIP म्यूचुअल फंड में इस तरह करें निवेश, मिलेगा बेहतर रिटर्न
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 6, 2018 12:43 PM2018-08-06T12:43:28+5:302018-08-06T12:43:28+5:30
कई अध्ययनों से यह साबित हो चुका है इक्विटी एक एसेट क्लास के तौर पर सबसे बेहतरीन रिटर्न देते हैं।
आज के समय में जब बात निवेश की आती है तो म्यूच्यूअल फंड और एसआईपी का नाम सबसे आगे आता है. वैसे यह भी होता है कि जब बात निवेश या बचत की होती है तो अक्सर लोगों के दिमाग में बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट या फिर रियल एस्टेट जैसे एसेट्स आने शुरू हो जाते हैं क्योंकि ये ऐसे ही माध्यम हैं जो आपके द्वारा लगाए पैसों में बढोत्तरी करते हैं। अब ऐसे में कोई भी व्यक्ति निवेश तो वहीं करना चाहेगा चाहेगा उसके निवेश किए गए पैसों में ज्यादा से ज्यादा बढ़ोतरी हो।
आपको बता दें कि कई अध्ययनों से यह साबित हो चुका है इक्विटी एक एसेट क्लास के तौर पर सबसे बेहतरीन रिटर्न देते हैं। अगर आप भी इनमें निवेश करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे बेहतरीन तरीका है म्यूच्यूअल फंड जिसके जरिए आप निवेश कर सकते हैं। इसमें आप निवेश की शुरुआत 500 रुपये प्रति माह जितनी छोटी रकम से कर सकते हैं।
इक्विटी में निवेश
इक्विटी में निवेश कर आप सबसे अधिक रिटर्न पाते हैं। लेकिन इन फंडों में निवेश की समय अवधि कम से कम 5 साल की रखें ताकि आप निवेश का लाभ उठा सकें। इन फंडों में कम समय के लिए निवेश करने से कोई फायदा नहीं मिलेगा।
म्यूचुअल फंड का SIP
म्यूच्यूअल फंड के एसआईपी (सिस्टमैटिक इंन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश करने के लिए जरुरी नहीं की आप शेयर बाजार की स्थिति को देखें या कोई मोटी रकम का इंतजार करें।अगर आप प्रति माह 500 रुपये के साथ निवेश शुरू करना चाहतें हैं तो कर सकते हैं और निवेश की समय सीमा 5 साल ही लेकर चलें।
एसआईपी का लाभ
एसआईपी इक्विटी म्यूचुअल फंडों में निवेश करने का सबसे जरिया है। इसमें आप जितने पैसे लगातें हैं आपको उस म्यूच्यूअल फंड के यूनिट आवंटित कर दिए जाते हैं। इसमें होता यह है कि अगर बाजार में तेजी आती है तो यूनिट कम हो जाते हैं और जब बाजार में गिरावट का दौर होगा तब यूनिट ज्यादा हो जाएंगे।
म्यूचुअल फंड का करें चुनाव
डायवर्सिफायड इक्विटी फंडों या मल्टीकैप म्यूचुअल फंडों की तो बहुत ही भरमार है। अब ऐसे में फंड का चुनाव करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। इसलिए किसी भी म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने से पहले उसका ट्रैक रेकॉर्ड चैक कर लें की बाजार में हुए उतार-चढ़ाव के चलते भी लम्बे समय में उसका प्रदर्शन कैसा रहा है।