Income Tax Rebate: नई टैक्स व्यवस्था में यात्रा भत्ते पर इनकम टैक्स छूट का कर सकते हैं दावा
By निखिल वर्मा | Published: June 29, 2020 08:00 AM2020-06-29T08:00:08+5:302020-06-29T08:00:26+5:30
नेत्रहीन, मूक, बधिर अथवा हड्डियों से दिव्यांग कर्मचारी 3,200 रुपए प्रति माह के परिवहन भत्ते में छूट का दावा कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को नियोक्ताओं से प्राप्त यात्रा भत्ते पर आयकर से छूट का दावा करने की सुविधा दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसके लिए आयकर नियमों में बदलाव किया है। सीबीडीटी द्वारा किए गए संशोधन के बाद अब कर्मचारी चुनिंदा मामलों में आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं। इनमें यात्रा या स्थानांतरण के मामले में आने-जाने के खर्च के लिए दिया गया भत्ता, यात्रा अवधि के दौरान दिया गया कोई अन्य भत्ता, सामान्य कार्यस्थल से अनुपस्थिति की स्थिति में एक कर्मचारी को दैनिक खर्च पूरा करने के लिए दिया जाने वाला भत्ता आदि शामिल है। सीबीडीटी ने स्पष्ट किया कि अनुलाभ के मूल्य का निर्धारण करते समय नियोक्ता द्वारा प्रदत्त वाउचर (पेड) के माध्यम से मुफ्त भोजन और गैर-मादक पेय के संबंध में कोई छूट नहीं मिलेगी।
आने-जाने के खर्च के लिए देय भत्ते पर भी छूट का दावा
यदि नियोक्ता नि:शुल्क आने-जाने की सुविधा नहीं प्रदान कर रहे हों, तो रोजाना काम पर आने-जाने के खर्च के लिए दिये जाने वाले भत्ते पर भी आयकर से छूट का दावा किया जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में लोगों को आयकर की एक वैकल्पिक दर की पेशकश करते हुए नई टैक्स आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया था। इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर से छूट मिलती है। जो व्यक्ति 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें पांच प्रतिशत की दर से आयकर का भुगतान करना होगा।
इसी तरह, पांच से 7.5 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 से 10 लाख रुपये के बीच की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये सालाना कमाने वालों पर 20 प्रतिशत, 12.5 रुपये से 15 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 25 प्रतिशत तथा 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर का प्रावधान है।