Income tax e-assessment: बिना पैन, ई- फाइलिंग खाते वाला व्यक्ति नई व्यवस्था में पात्र नहीं
By भाषा | Published: September 28, 2019 02:04 PM2019-09-28T14:04:07+5:302019-09-28T14:04:07+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर रिटर्न के आकलन को दबाव रहित और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिये आयकर विभाग नई प्रणाली शुरू करेगा। कंप्यूटर प्रणाली के जरिये करदाता और आयकर अधिकारी के बीच आमना सामना हुये बिना आगे बढ़ाने वाली इस आकलन प्रणाली को ई- आकलन का नाम दिया गया है।
सरकार ने आयकर विभाग की आनलाइन ई- आकलन की जिस सुविधा को अगले महीने से शुरू करने की तैयारी की है उसमें यदि किसी करदाता के पास स्थायी खाता संख्या (पैन) या फिर ई- फाइलिंग खाता नहीं होगा तो वह विभाग की ई- आकलन प्रणाली का लाभ उठाने का पात्र नहीं होगा।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के ताजा निर्देश में यह जानकारी दी गई है। सरकार ने आठ अक्टूबर से कर रिटर्न का चेहरा रहित और नाम रहित आनलाइन आकलन करने की सुविधा शुरू करने की घोषणा की है। सीबीडीटी ने कहा है कि ऐसे मामले जहां कर अधिकारी ने छापा मारा है और जिन मामलों को ‘‘असाधारण परिस्थिति’’ वाला बताया गया है, उन मामलों को भी इस नई चेहरा रहित आकलन प्रणाली में शामिल नहीं किया जायेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर रिटर्न के आकलन को दबाव रहित और भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिये आयकर विभाग नई प्रणाली शुरू करेगा। कंप्यूटर प्रणाली के जरिये करदाता और आयकर अधिकारी के बीच आमना सामना हुये बिना आगे बढ़ाने वाली इस आकलन प्रणाली को ई- आकलन का नाम दिया गया है।
इसमें पूरी जांच परख कंप्यूटर प्रणाली पर आनलाइन ही होगी। किसी को भी आयकर अधिकारी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। बहरहाल, सीबीडीटी ने इस नई प्रणाली से जिन लोगों को अलग रखा गया है उसके बारे में जानकारी देते हुये शुक्रवार को सर्कुलर जारी किया। पीटीआई- भाषा ने सर्कुलर को देखा है।
इसमें कहा गया है कि जहां आयकर रिटर्न (आईटीआर) को दस्तावेजी रूप में दाखिल किया गया है और संबंधित करदाता का अब तक ई- फाइलिंग खाता नहीं है, पैन नहीं है, ऐसे मामले जहां प्रशासनिक मुश्किलें हैं, जटिल मामला है या फिर उसमें कुछ असाधारण परिस्थितियां हैं, ऐसे सभी मामलों को नई प्रणाली से अलग रखा जायेगा।
सर्कुलर में कहा गया है कि जांच अथवा छापे वाले कर आकलन मामलों अथवा जिन मामलों को पहले हुई जांच की वजह से अलग रखा गया है, ऐसे मामलों को भी नई ई-आकलन प्रणाली से अलग रखा जायेगा। सरकार ने आयकर रिटर्न के ई- आकलन के लिये एक राष्ट्रीय केन्द्र हाल ही में दिल्ली में स्थापित किया है। करदाताओं को उनके रिटर्न की जांच परख अथवा आनलाइन आकलन की नई प्रणाली का ही यह हिस्सा है।