इनकम टैक्स भरने वाले ध्यान दें, आयकर रिटर्न के नए फॉर्म जारी, इन नियमों में हुआ बदलाव
By भाषा | Published: June 1, 2020 01:42 PM2020-06-01T13:42:12+5:302020-06-01T13:47:51+5:30
कोविड-19 संकट के चलते सरकार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने को लेकर दी गयी विभिन्न छूटों का लाभ करदाताओं तक पहुंचाने के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म में संशोधन किया है।
इनकम टैक्स भरने वालों के लिए जरूरी खबर है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साल 2019-20 की आय का ब्योरा देने वालो के लिए नए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी कर दिए हैं। इसके अलावा अब उन लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना जरूरी हो गया है जिनका पिछले वित्त वर्ष में बिजली का बिल 1 लाख रुपये से ज्यादा आया है। इसके अलावा जिनके भी करंट अकाउंट में एक करोड़ से ज्यादा राशि जमा रही है और जिन लोगों ने पिछले साल विदेश यात्रा पर दो लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया है, उन्हें भी आयकर भरना होगा।
नए आयकर रिटर्न फॉर्म में करदाताओं को वर्ष के दौरान कुछ बड़े खर्चों के बारे में जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है। किसी आवासीय संपत्ति के संयुक्त मालिक आईटीआर-1 सहज फॉर्म भरकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। नए आयकर रिटर्न फॉर्म में अनुसूची-डीआई को भी जोड़ा गया है। इसके तहत टैक्सपैयर्स को एक अप्रैल 2020 से 30 जून 2020 के बीच कर-बचत योजनाओं में किए गए निवेश अथवा किए गए अनुदान की अलग से जानकारी देनी होगी। इसका लाभ करदाता को 2019-20 के आयकर में ही मिलेगा।
सरकर ने आयकर अधिनियम-1961 के तहत रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में कई रियायतें दी हैं। इसके लिए सरकार कराधान एवं अन्य अधिनियम (कुछ प्रावधानों से राहत) अध्यादेश- 2020 लेकर आयी है। सरकार ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि भी एक महीना बढ़ा दी है।
इसके हिसाब से आयकर की धारा 80सी (जीवन बीमा, लोक भविष्य निधि, राष्ट्रीय बचत पत्र इत्यादि), 80डी (स्वास्थ्य बीमा) और 80जी (दान) इत्यादि के तहत ली जाने वाली छूट के लिए अंतिम निवेश तिथि बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गयी है। यानी इनमें 30 जून 2020 तक किये गये निवेश पर कर छूट का लाभ पिछले वित्त वर्ष की आय में मिल सकता है। नए फॉर्म में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए निवेश छूट का लाभ उठाने के लिए 2020-21 की पहली तिमाही में किए गए निवेश की अलग से जानकारी देने की जरूरत होगी।