अगर आप भी पाना चाहते हैं HRA टैक्स में छूट, अपनाएं ये आसान तरीके
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: September 4, 2018 01:50 PM2018-09-04T13:50:25+5:302018-09-04T13:50:25+5:30
अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट वेतनभोगी व्यक्ति द्वारा किसी को किए गए किराए के भुगतान को एचआरए ( हाउस रेंट अलाउंस) छूट के लिए मान्य नहीं मानता।
अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट वेतनभोगी व्यक्ति द्वारा किसी को किए गए किराए के भुगतान को एचआरए ( हाउस रेंट अलाउंस) छूट के लिए मान्य नहीं मानता। इसका फैसला बीते साल आया था। वहीं, न्यायाधिकरण ने इसको खारिज कर दिया था। उन्होंने इसको इस आधार पर खारिज किया था कि रसीदों के अलावा वेतनभोगी के पास किराए देने की कोई अहम प्रूफ नहीं था। वेतनभोगी बिना किराया दिए किसी अपने को आसानी से रसीदें प्राप्त कर सकता है। ऐसे में हम आज आपको बताते हैं कि कैसे आप एचआरए टैक्स से आसानी से छूट पा सकते हैं।
-आपके पास एक मान्य रेंट एग्रीमेंट होना चाहिए। इस एग्रीमेंट में किराए का समय व हर महीने किराया दिए जाने के बारे में बताया गया हो। इतना ही नहीं उन बिलों को भी पेश करना होगा जो भुगतान के प्रूफ होंगे।
-अगर किराए के घर में एक से अधिक परिवार रह रहा हो तो उसके बारे में भी अवगत करवाना होगा। जहां तक हो सके आप अपना भुगतान कैश की जगह चैक से करें। इससे आपके भुगतान का सबूत आपके पास मौजूद होगा। यह ट्रांजेक्शन आपके खाते में हमेशा के लिए दर्ज हो जाएगा।
- कभी भी किराए का भुगतान करने के बाद रसीद लेना ना भूलें। ऐसे में अगर आपका महीने में किराया 3,000 रुपयों से अधिक है तो एचआरए छूट का दावा करने के लिए आपको किराए की रसीद देना आवश्यक है।
- मकान मालिक के पैनकार्ड के अलावा फार्म 60 की जानकारी भी प्रदान करवानी होगी। मकान किराए पर लेने से पहले ये साफ कर लें कि आप एचआरए छूट का पूर्ण लाभ नहीं उठा पाएंगे। एचआरए की छूट पाने के लिए ये दोनों कागज़ नियोक्ता को सबमिट करने होंगे।
-नियोक्ति को अगर आप मकान मालिक का पैनकार्ड नहीं देते हैं तो आपका एचआरए व टीडीएस कटेगा।
- मौजूद राशि से ज्यादा यदि आप करार में अधिक या कम किराया दे रहे हैं तो इसका आपको कोई लाभ नहीं मिलेगा। क्योंकि छूट की गणना कर्मचारी द्वारा भुगतान की गई राशि की रसीदों के आधार पर ही की जाएगी।
-एचआरए का लाभ पाने के लिए आपको खुद ही किराए के घर में रहना होगा। अगर आपके माता-पिता किराए पर रहते हैं और आप रिटर्न फाइल करते हैं तो इसका लाभ आपको नहीं दिया जाएगा।
- किराए के घर में अगर आप हर महीने 50,000 से अधिक किराया दे रहे हैं तो अपने मकान मालिक को दिए गए किराए पर 5% टीडीएस डिडक्ट करें। लेकिन अगर आप टीडीएस डिडक्ट नहीं करते तो हर महीने आपको 1% के दर पर ब्याज देना होगा। यदि आप टीडीएस डिडक्ट करते हैं पर जमा नहीं करते तब हर महीने आपको 1.5% के दर पर ब्याज देना होगा। देरी करने पर प्रति दिन 200 रुपए का जुर्माना भी लग सकता है।