मॉडल टेनंसी एक्ट 2019: खत्म होगी मकान मालिक की दादागिरी, किरायेदार भी नहीं कर सकेंगे गुंडागर्दी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 15, 2019 09:09 AM2019-07-15T09:09:14+5:302019-07-15T09:09:14+5:30
एक बार मॉडल एक्ट के कानून बनने के बाद मंत्रालय की ओर से इसे विभिन्न राज्यों को जारी किया जाएगा, जिससे वे अगर चाहेंगे तो उसे बिना किसी बदलाव या फिर बदलाव के साथ अपने यहां पर लागू कर पाएंगे।
पिछले सप्ताह मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अरबन अफेयर्स (MHUA) मॉडल टेनेसी एक्ट-2019 लेकर आई है। इसका उद्देश्य देश में रेंटल या किराये के घरों को गति देना है। इस पर सभी राज्यों और अन्य लोगों से 1 अगस्त 2019 तक सुझाव और शिकायत आमंत्रित किए गए हैं। उसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। मॉडल एक्ट का प्रारूप आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की वेबसाइट पर दिया गया है।
मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अरबन अफेयर्स की ओर से लाए गए इस मॉडल एक्ट में कहा गया है कि एक बार प्रभावी होने के बाद कोई भी व्यक्ति किसी संपत्ति को बिना लिखित समझौते के किराये पर ले या दे नहीं पाएगा। इसके अलावा संपत्ति को किराये पर देने के बाद उस अथोरिटी को सूचित करना होगा, जो किरायेदारी के मामलों को सूचीबद्ध करेगी। जिसके आधार पर संबंधित अथोरिटी उस संपत्ति के किराये पर दिए जाने को लेकर एक खास यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी करेगी।
एक बार मॉडल एक्ट के कानून बनने के बाद मंत्रालय की ओर से इसे विभिन्न राज्यों को जारी किया जाएगा, जिससे वे अगर चाहेंगे तो उसे बिना किसी बदलाव या फिर बदलाव के साथ अपने यहां पर लागू कर पाएंगे।
यह नया कानून देश के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों पर प्रभावी होगा। जब भी कोई संपत्ति किराये पर दी जाएगी तो उसके दो महीने के अंदर मकान मालिक और किरायेदार को रेंट अथोरिटी को सूचित करना होगा। जिसके उपरांत सात दिन में अथोरिटी एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी करेगा।
किरायेदार और मकानमालिक के अधिकार
मॉडल एक्ट के मुताबिक किरायेदार द्वारा दी जाने वाली सिक्योरिटी मनी की राशि भी तय की गई है। इसमें आवासीय संपत्ति के मामले में 2 महीने और व्यसायिक संपत्ति के मामले में 1 महीने के किराये के बराबर ही सुरक्षा या सिक्योरिटी मनी ली जा सकेगी। इस एक्ट में मकान से जुड़ी जिम्मेदारी के लिए मकान मालिक और किरायेदार की जिम्मेदारी भी तय होगी। किस तरह के नुकसान के लिए मकान मालिक जिम्मेदार होगा और किस तरह के नुकसान के लिए किरायेदार।
इसके बाद भी कोई अपने हिस्से की जिम्मेदारी से जुड़ा काम करने से मना करता है तो सिक्योरिटी मनी से पैसा काटा जा सकता है।मकान या उसके किसी भी हिस्से का दुरुपयोग करने पर मकान मालिक के नोटिस देगा। उसके बाद भी दुरुपयोग की शिकायत पर रेंट कोर्ट मकान मालिक को अपनी संपत्ति पर दोबारा कब्जा करने की अनुमति दे सकता है। मकान या उस परिसर के दुरुपयोग को परिभाषित किया गया है उसमें उपद्रव, मकान को किसी भी तरह की क्षति पहुंचाना, मकान या संपत्ति का किसी भी तरह से अवैध कार्यों के लिए इस्तेमाल करना जैसे अनैतिक कार्य शामिल हैं। यदि किरायेदार मकान खाली करने से मना करता है तो मकान मालिक 2 महीनों तक दोगुना किराया वसूल सकता है उसके बाद किराये का चार गुना किराया वसूल सकता है।
रेंट कंट्रोल एक्ट को निरस्त करना शहरों में एक संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा रहा है। खासकर साउथ मुंबई में जहां पर महत्वपूर्ण और महंगी जगहों पर बने पुराने मकानों और बिल्डिंग को सालों से वहां रहने वाले या किसी भी तरह का व्यवसाय करने वाले लोगों द्वारा बहुत ही कम किराए पर कब्जा कर लिया गया है।
बंद पड़े हैं 1.1 करोड़ घर
एक अधिकारी ने कहा कि 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में 1।1 करोड़ घर बंद पड़े हैं। वर्तमान किराया कानूनों की वजह से मकान मालिक को यह आशंका रहती है कि उनकी संपत्ति पर कब्जा हो सकता है। जिसकी वजह से वह किराये पर देने की जगह अपने घर को बंद रखते हैं। यही वजह है कि सभी के लिए 2022 तक आवास के तहत इस योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है।