होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन लेने में मिलेगा नए रेपो रेट का फायदा, RBI ने बैंकों को दिए निर्देश

By भाषा | Published: September 5, 2019 11:23 AM2019-09-05T11:23:23+5:302019-09-05T11:23:23+5:30

अगस्त, 2017 में रिजर्व बैंक ने एमसीएलआर प्रणाली की समीक्षा को आंतरिक अध्ययन समूह (आईएसजी) का गठन किया था। आईएसजी ने ऋणों को बाहरी मानक से जोड़ने की सिफारिश की थी। 

Home loans, personal loans, auto loans will get benefit of new repo rate, RBI directs banks | होम लोन, पर्सनल लोन, ऑटो लोन लेने में मिलेगा नए रेपो रेट का फायदा, RBI ने बैंकों को दिए निर्देश

भारतीय स्टेट बैंक अपने कुछ ऋणों को रेपो से जोड़ने वाला पहला बैंक है।

Highlightsइस साल रिजर्व बैंक रेपो दर में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। बैंकों द्वारा इसमें से सिर्फ 0.40 प्रतिशत का ही लाभ उपभोक्ताओं को दिया गया है।

 भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वह एक अक्टूबर से आवास, वाहन और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) को फ्लोटिंग दर पर दिये जाने वाले सभी नये कर्जों को रेपो दर जैसे बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया है।

बैंकों को इन ऋणों की ब्याज दर को रेपो दर जैसे बाहरी मानकों से एक अक्टूबर से जोड़ने को कहा गया है। इससे नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का लाभ कर्ज लेने वाले उपभोक्ताओं तक अपेक्षाकृत तेजी से पहुंचने की उम्मीद है। उद्योग और खुदरा कर्ज लेने वाले लगातार यह शिकायत करते रहे हैं कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती के बावजूद उसका पूरा लाभ बैंक उपभोक्ताओं को नहीं दे रहे हैं।

रिजर्व बैंक ने बुधवार को बयान में कहा कि ऐसा देखने को मिला है कि बैंकों की मौजूदा सीमान्त लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) व्यवस्था में रिजर्व बैंक की नीतिगत दरों में बदलाव का लाभ बैंकों की ऋण दर तक पहुंचाने का काम संतोषजनक नहीं रहा है।

इसी के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने बुधवार को सर्कुलर जारी कर बैंकों के लिए सभी नए फ्लोटिंग दर वाले व्यक्तिगत या खुदरा ऋण और एमएसएमई को फ्लोटिंग दर वाले कर्ज को एक अक्टूबर, 2019 से बाहरी मानक से जोड़ने को अनिवार्य कर दिया है।

इस साल रिजर्व बैंक रेपो दर में 1.10 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। लेकिन बैंकों द्वारा इसमें से सिर्फ 0.40 प्रतिशत का ही लाभ उपभोक्ताओं को दिया गया है। बैंकों को जिन बाहरी मानकों से अपने ऋण की ब्याज दरों को जोड़ना होगा उनमें रेपो, तीन या छह महीने के ट्रेजरी बिल पर प्रतिफल या फाइनेंशियल बेंचमार्क्स इंडिया प्राइवेट लि. (एफबीआईएल) द्वारा प्रकाशित कोई अन्य मानक हो सकता है।

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बाहरी मानक आधारित ब्याज दर को तीन महीने में कम से कम एक बार नए सिरे से तय किया जाना जरूरी होगा। भारतीय स्टेट बैंक अपने कुछ ऋणों को रेपो से जोड़ने वाला पहला बैंक है। बाद में कई और बैंकों ने भी अपने ऋण को रेपो या किसी अन्य बाहरी मानक से जोड़ा है।

Web Title: Home loans, personal loans, auto loans will get benefit of new repo rate, RBI directs banks

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