14 वें वित्त आयोग की आधी रकम भी खर्च नहीं हो सकी
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 23, 2020 05:16 AM2020-02-23T05:16:15+5:302020-02-23T05:16:15+5:30
14 वंे वित्त आयोग के माध्यम से जिले को वर्ष 2019-20 के मूल अनुदान की पहली किस्त के तौर पर 37.63 करोड़ रुपए की निधि प्राप्त हुई थी. दूसरी किस्त के तौर पर लगभग 47 करोड़ की निधि प्राप्त हुई थी.
14 वें वित्त आयोग की तरफ से जिले की ग्राम पंचायतों को प्राप्त निधि में से अधिकांश ग्रामपंचायतों ने आर्थिक वर्ष के अंतिम दौर तक पचास फीसदी निधि भी खर्च नहीं की है. इसकी वजह से अब यह निधि शासन को वापस जाने की स्थिति में है. मार्च अंत तक निधि खर्च नहीं करने वाली ग्रामपंचायतों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी पंचायत विभाग के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र भुयार ने दी है.
14 वंे वित्त आयोग के माध्यम से जिले को वर्ष 2019-20 के मूल अनुदान की पहली किस्त के तौर पर 37.63 करोड़ रुपए की निधि प्राप्त हुई थी. दूसरी किस्त के तौर पर लगभग 47 करोड़ की निधि प्राप्त हुई थी. आर्थिक वर्ष खत्म होने के लिए अब लगभग सवा माह की अवधि बची हुई है लेकिन अनेक ग्रामपंचायतों ने पहली किस्त की आधी रकम भी खर्च नहीं की है. चौदहवें वित्त आयोग की निधि जिला परिषद के मार्फत खर्च करने के बदले सीधे ग्रामपंचायतों को मिलती है. इसके पहले जिला परिषद पर निधि के लिए निर्भर रहना पड़ता था. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 वें वित्त आयोग की निधि सीधे ग्रामपंचायतों के खाते में जमा कराने के निर्देश दिए. इसके अलावा सरपंच के अधिकार भी राज्य सरकार द्वारा बढ़ा दिए गए.
ग्राम पंचायतों को 90 फीसदी निधि का खर्च सार्वजनिक बुनियादी सुविधाओं के कार्यों के लिए करना है. 10 फीसदी निधि का उपयोग प्रशासनिक तकनीकी कार्यों के लिए करना है. जिले की 768 ग्रा.पं. को जनसंख्या के आधार पर निधि का आवंटन किया गया है. लेकिन अनेक ग्रा.पं. ने उनको प्राप्त निधि में से आधी रकम भी खर्च नहीं की है. मार्च अंत तक उनको निधि खर्च करने की मोहलत दी गई है. -खर्च की जानकारी एप्प पर अपलोड नहीं की उधर, अनेक ग्राम पंचायत सचिवों का कहना है निधि खर्च हो गई है. लेकिन इसकी जानकारी विभाग की ओर से गूगल एप्प पर अपलोड नहीं की गई है.