अब FD शेयर की तरह डीमैट फॉर्मेट में होगा जारी, नियमों में हो सकते हैं ये बदलाव
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 4, 2019 02:14 PM2019-09-04T14:14:30+5:302019-09-04T14:14:30+5:30
आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाली संचालन समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि डिपार्टमेंट आफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भारतीय परिप्रेक्ष्य में ‘आभासी बैंकिंग प्रणाली’ यानी वर्चुअल बैंकिंग सिस्टम की अनुकूलता की भी समीक्षा करनी चाहिए।
वित्तीय क्षेत्र में प्रौद्योगिकी (फिनटेक) के इस्तेमाल को लेकर गठित एक अंतर मंत्रालयी समिति ने फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) और अन्य फाइनेंशियल प्रोडक्ट को डीमैट रूप में जारी करने के लिए विधायी बदलावों का सुझाव दिया है। समिति ने कहा है कि एफडी और अन्य उत्पाद को डीमैट रूप में जारी करना उपभोक्ता अनुकूल होने के साथ-साथ सुरक्षित भी है।
आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाली संचालन समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि डिपार्टमेंट आफ फाइनेंशियल सर्विसेज (DFS) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को भारतीय परिप्रेक्ष्य में ‘आभासी बैंकिंग प्रणाली’ यानी वर्चुअल बैंकिंग सिस्टम की अनुकूलता की भी समीक्षा करनी चाहिए।
समिति ने अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सौंपी है। समिति ने सुझाव दिया है कि एफडी और अन्य वित्तीय उत्पादों को डीमैट रूप में जारी करने के लिए उचित नियामकीय और विधायी बदलाव किए जाने चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को डाकघरों और अन्य इकाइयों के पास रखी सभी वित्तीय संपत्तियों को भी डीमैट रूप में बदलने के लिए अभियान चलाना चाहिए। जहां तक संभव हो इन्हें डीमैट रूप में बदला जाना चाहिए, नहीं तो इन्हें इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखा जाना चाहिए। समिति के अन्य सदस्यों में वित्तीय सेवा सचिव, एमएसएमई सचिव, यूआईडीएआई के सीईओ और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर शामिल हैं।