EPFO ने लाखों कर्मचारियों को दी बड़ी सुविधा, अब आधार कार्ड को मानेगा बर्थ सर्टिफिकेट
By स्वाति सिंह | Published: April 6, 2020 06:59 AM2020-04-06T06:59:47+5:302020-04-06T14:53:15+5:30
श्रम मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा, 'कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए ऑनलाइन सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता बढ़ाने के लिए ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को संशोधित निर्देश जारी किया है. इसके तहत पीएफ सदस्य ईपीएफओ रिकार्ड में अपनी जन्म तिथि आसानी से सुधार सकेंगे.
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के खाताधारक अब ईपीएफओ रिकार्ड में अपनी जन्म तिथि आसानी से सुधरवा सकेंगे. ईपीएफओ खाते के केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) के अनुपालन को सुनिश्चित करने को लेकर अपने अंशधारकों की जन्म तिथि में सुधार के लिए आधार कार्ड को वैध साक्ष्य मानेगा तथा उसे ऑनलाइन स्वीकार करेगा.
श्रम मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा, 'कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए ऑनलाइन सेवाओं की पहुंच और उपलब्धता बढ़ाने के लिए ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों को संशोधित निर्देश जारी किया है. इसके तहत पीएफ सदस्य ईपीएफओ रिकार्ड में अपनी जन्म तिथि आसानी से सुधार सकेंगे.इससे यह यह सुनिश्चित होगा कि यूएएन (सार्वभौमिक खाता संख्या) केवाईसी का अनुपालन करती है. बयान के अनुसार आधार में अंकित जन्म तिथि को अब सुधार के लिए वैध साक्ष्य माना जाएगा, लेकिन इसमें शर्त है कि दोनों तारीखोंं में अंतर तीन साल से कम हो.
घर बैठे मिलेगी सुविधा पीएफ अंशधारक सुधार के लिए अनुरोध ऑनलाइन जमा कर सकते हैं. इससे ईपीएफपीओ भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के साथ तत्काल ऑनलाइन जन्म तिथि का सत्यापन कर सकेगा. इससे अनुरोध को अमल में लाने में लगने वाला समय कम होगा. ईपीएफओ ने अपने क्षेत्रीय कार्यालयों से कहा है कि वे ऑनलाइन अनुरोध का तेजी से निपटान करेंगे.
इससे कोरोना वायरस महमारी और 'लॉकडाउन' (बंद) के कारण आर्थिक संकट में फंसे भविष्य निधि सदस्यों को अपने खाते से पैसा निकालने को लेकर ऑनलाइन आवेदन में कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. हालांकि यह सुविधा उन्हीं अंशधारकों के लिए उपलब्ध है जिनका खाता केवाइसी नियमों का पालन करता है. इस निर्णय से अंशधारकों को अपना सावैभौमिक खाता संख्या केवाईसी नियमों के अनुरूप करने में मदद मिलेगी.