EPF की ब्याज दरों में तीन साल बाद बढ़ोतरी, 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा

By भाषा | Published: April 27, 2019 04:17 PM2019-04-27T16:17:32+5:302019-04-27T16:17:32+5:30

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने 2018-19 के लिये ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज देने के ईपीएफओ के फैसले पर सहमति दे दी है।

EPF interest rates rise after three years, more than 6 crore people benefit | EPF की ब्याज दरों में तीन साल बाद बढ़ोतरी, 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा

EPF की ब्याज दरों में तीन साल बाद बढ़ोतरी, 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को फायदा

Highlightsपिछले वित्त वर्ष में ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को 8.55 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया था। मंत्रालय की सहमति के बाद आयकर विभाग और श्रम मंत्रालय इस बारे में अधिसूचना जारी करेंगे।

वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिये कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.65 प्रतिशत ब्याज दर को मंजूरी दे दी है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने इस दर पर ब्याज देने का फैसला किया था जिसे संस्तुती के लिये वित्त मंत्रालय को भेजा गया था। मामले से जुड़े एक करीबी सूत्र ने पीटीआई -भाषा को यह जानकारी दी है। उसने कहा, ‘‘वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग ने 2018-19 के लिये ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज देने के ईपीएफओ के फैसले पर सहमति दे दी है।’’ 

इस निर्णय से संगठित क्षेत्र में काम करने वाले करीब छह करोड़ से अधिक लोगों को उनके भविष्य निधि कोष पर लाभ होगा। इससे पिछले वित्त वर्ष में ईपीएफओ ने अपने अंशधारकों को 8.55 प्रतिशत की दर से ब्याज दिया था। ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई केन्द्रीय न्यासी बोर्ड ने इस साल फरवरी में ईपीएफ पर ब्याज दर बढ़ाकर 8.65 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था। यह पिछले तीन साल में ब्याज दर में पहली वृद्धि है। इससे पहले 2017-18 में ईपीएफ पर ब्याज दर 8.55 प्रतिशत थी। 

ईपीएफओ ने 2016-17 में ईपीएफ पर ब्याज दर 2015-16 के 8.80 प्रतिशत से घटाकर 8.65 प्रतिशत कर दी थी। मंत्रालय की सहमति के बाद आयकर विभाग और श्रम मंत्रालय इस बारे में अधिसूचना जारी करेंगे जिसके बाद ईपीएफओ अपने 120 से अधिक क्षेत्रीय अधिकारियों को संशोधित ब्याज दर के आधार पर ईपीएफ खाताधारकों के खाते में 2018-19 के लिये ब्याज की राशि जोड़ने का निर्देश देगी।

ईपीएफओ के अनुमान के मुताबिक 2018- 19 के लिये 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज उपलब्ध कराये जाने के बाद 151.67 करोड़ रुपये का अधिशेष रहेगा। पिछले वित्त वर्ष में 8.7 प्रतिशत की दर से ब्याज उपलब्ध कराये जाने पर 158 करोड़ रुपये का घाटा होता। यही वजह है कि संगठन ने 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष के लिये 8.65 प्रतिशत की दर से ब्याज दिये जाने का फैसला किया। वर्ष 2017- 18 में ईपीएफओ ने पांच साल में सबसे कम 8.55 प्रतिशत की दर से ब्याज उपलबध कराया था।

Web Title: EPF interest rates rise after three years, more than 6 crore people benefit

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