एनबीएफसी संकट के कारण आवासीय ऋण वृद्धि पिछले तीन साल के न्यूनतम स्तर पर आने का अनुमान’
By भाषा | Published: June 16, 2019 11:20 PM2019-06-16T23:20:51+5:302019-06-16T23:20:51+5:30
मार्च, 2019 में यह आंकड़ा 19.1 लाख करोड़ रुपये का था। उल्लेखनीय है कि सरकार आर्थिक वृद्धि की गति तेज करने के लिए आवासीय क्षेत्र का इस्तेमाल प्रमुख वाहक के रूप में करने की कोशिश कर रही है।
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के नकदी संकट से जूझने के चलते चालू वित्त वर्ष में आवासीय ऋण की वृद्धि दर 13-15 फीसदी रहने की उम्मीद है, जो पिछले तीन साल के औसत से कम होगा। एक रपट में आगाह किया गया है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी एक रपट में आगाह किया है कि बाकी आवासीय ऋण पर भी इसका नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।
मार्च, 2019 में यह आंकड़ा 19.1 लाख करोड़ रुपये का था। उल्लेखनीय है कि सरकार आर्थिक वृद्धि की गति तेज करने के लिए आवासीय क्षेत्र का इस्तेमाल प्रमुख वाहक के रूप में करने की कोशिश कर रही है।
रपट के अनुसार, मुश्किल हालात को देखते हुए उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2019-20 में आवासीय ऋण वृद्धि 13-15 फीसदी के मध्य रहेगी, जो पिछले तीन साल के मुकाबले कम होगा। पिछले तीन साल में इस क्षेत्र की औसत वृद्धि 17 फीसदी रही। वित्त वर्ष 2017-18 में आवासीय वित्तीय कंपनियों की ऋण वृद्धि घटकर 15 प्रतिशत रह गयी थी।
रपट के मुताबिक पिछले साल सितंबर से डीएचएफएल और रिलायंस कैपिटल सहित आवास के लिए कर्ज देने वाली कंपनियों के समक्ष नकदी संकट के कारण वित्त वर्ष 2018-19 में ऐसी कंपनियों की ऋण वृद्धि घटकर 10 प्रतिशत रह गयी। हालांकि बैंकों द्वारा घर के लिए दिये जाने वाले कर्ज की वृद्धि बढ़कर 19 प्रतिशत हो गयी, जो उससे पहले 13 फीसदी पर था।
इस तरह कुल आवासीय ऋण में बैंकों की हिस्सेदारी 62 फीसदी से बढ़कर 64 फीसदी हो गयी। रपट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019-20 में भी बैंकों की ओर से दिये जाने वाले कर्ज में वृद्धि जारी रहेगी।