आपके हेल्थ इंश्योरेंस पर भी दिल्ली के प्रदूषण की मार, चुकाना पड़ सकता है 20 प्रतिशत तक ज्यादा प्रीमियम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 8, 2019 02:04 PM2019-11-08T14:04:50+5:302019-11-08T14:04:50+5:30
दिल्ली और आस-पास के इलाकों में स्वास्थ्य को लेकर जोखिम बढ़ गया है। वायु गुणवत्ता 'गंभीर' और 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंचने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों के लिए बढ़ते प्रदूषण कई रूप में कहर ढा रहा है। स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव होने के बाद अप्रत्यक्ष रूप से भी इसकी मार पड़ रही है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण स्तर की वजह से हेल्थ इंश्योरेंस मंहगा पड़ सकता है। राजधानी में रहने वाले लोगों का स्वास्थ्य तो बिगड़ ही रहा है लेकिन अब उनके घर के बजट पर भी आर्थिक पेशानियां आ सकती है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जनरल इंश्योरेंस कंपनियां राजधानी में रहने वालें लोगों के लिए प्रीमियम में 15-20 प्रतिशत की वृद्धि करने का विचार कर रही हैं। जिसका कारण दिल्ली और उसके आस-पास के इलाके में बढ़ रहा प्रदूषण है।
दिल्ली और आस-पास के इलाकों में स्वास्थ्य को लेकर जोखिम बढ़ गया है। वायु गुणवत्ता 'गंभीर' और 'खतरनाक' श्रेणी में पहुंचने से अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। दिल्ली में रहने वाले लोगों के हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम बढ़ रहे है। जिसके चलते कंपनियों पर उनके सेटलमेंट पर खर्च भी बढ़ रहा है। अब अगर कोई नया व्यक्ति हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना चाहेगा तो उससे अधिक प्रीमियम लिया जा सकता है।
राजधानी में वायु प्रदूषण की वजह से जिन लोगों के स्वास्थ्य को सबसे अधिक खतरा है उन्हें सबसे अधिक प्रीमियम देना पड़ सकता है। इस ग्रुप में बुजुर्ग, बच्चे, खुले में काम करने वाले पेशेवर और पहले से सांस की बीमारियों से ग्रस्त लोग भी शामिल हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते हुए बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस की प्रमुख (रिटेल हेल्थ) डॉ रश्मि नंदार्गी ने बताया कि पिछले तीन-चार साल में दिल्ली के निवासियों की तरफ से हेल्थ इंश्योरेंस के दावे में 13-15 फीसदी की वृद्धि हुई है और उनके इलाज पर खर्च भी बढ़ा है। दूसरे शहरों के मुकाबले दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए प्रदूषण एक गंभीर मुद्दा है।
कोटक जनरल इंश्योरेंस के एमडी महेश बाला सुब्रमण्यन ने ईटी से कहा, "जहरीली हवा के कारण ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और यहां तक की फेफड़ो के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।" इंश्योरेंस ब्रोकिंग कंपनी सिंबो के सह-संस्थापक अनिक जैन ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों पर बहुत बड़ा बोझ साबित हो सकता है।
गौरतलब है कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाके में पिछले दो दिन में हुई हल्की बारिश भी प्रदूषण को पूरी तरह से साफ नहीं कर पाई है। राजधानी में AQI अब भी 300 के आसपास बना हुआ है। चारों और धुंध और स्मॉग की परत छायी हैं। बढ़ते प्रदूषण की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की आंखों में जलन, गले में दर्द और सांस लेने में तकलीफ हो रही है।