Coronavirus Impact: छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने पर सेबी से चर्चा की, फ्रेंकलिन टेम्पलटन ने कही ये बात

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 25, 2020 02:29 PM2020-04-25T14:29:20+5:302020-04-25T14:29:20+5:30

फ्रेंकलिन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते यूनिट वापस लेने के दबाव और बांड बाजार में तरलता की कमी का हवाला देकर इन योजनाओं को बंद किया है।

Coronavirus Impact: Franklin Templeton spoke to SEBI on the closure of six mutual fund schemes | Coronavirus Impact: छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने पर सेबी से चर्चा की, फ्रेंकलिन टेम्पलटन ने कही ये बात

Coronavirus Impact: छह म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने पर सेबी से चर्चा की, फ्रेंकलिन टेम्पलटन ने कही ये बात

Highlights यह पहला मौका है जब कोई निवेश संस्था कोरोना वायरस से संबंधित हालात के कारण अपनी योजनाओं को बंद कर रही है। इन योजनाओं के तहत कुल 25,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन किया जाता था।

नयी दिल्ली: फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने स्वेच्छा से अपनी छह ऋण योजनाओं को बंद करने के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि उसके इस निर्णय के बारे में सेबी के साथ चर्चा की थी और निवेशकों की रकम सुरक्षित करने के उसके फैसले को पूंजी बाजार नियामक ने ‘‘औचित्यपूर्ण’’ माना है। 

फ्रेंकलिन टेम्पलटन ने कहा कि निवेशकों को अपना पैसा वापस पाने के लिए कुछ महीनों तक इंतजार करना होगा। साथ ही फंड मैनेजर ने कहा कि कम ब्याज दरों के बावजूद रिजर्व बैंक की लक्ष्यित दीर्घकालीन रेपो परिचालन प्रक्रिया के तहत बांड खरीद की बोली में कर्ज के लेनदार नहीं होने से बाजार में जोखिमों से बचने की प्रवृत्ति उजागर हुई है। 

फ्रेंकलिन ने कोरोना वायरस महामारी के चलते यूनिट वापस लेने के दबाव और बांड बाजार में तरलता की कमी का हवाला देकर इन योजनाओं को बंद किया है। यह पहला मौका है जब कोई निवेश संस्था कोरोना वायरस से संबंधित हालात के कारण अपनी योजनाओं को बंद कर रही है।

बंद होने वाले छह फंड हैं - फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड। इन योजनाओं के तहत कुल 25,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन किया जाता था। फ्रैंकलिन टेम्पलटन समूह के प्रबंध निदेशक विवेक कुदवा ने एक निवेशक वार्ता में कहा, ‘‘हमने नियामक के साथ इस बारे में विस्तृत बातचीत की और नियामक भी पूरा सहयोग दिया। सेबी लाजवाब है। 

उन्होंने भी इसमें औचित्य पाया... कि सबसे अच्छा विकल्प होगा कि फंड को बंद कर दिया जाए। ये निर्णय जल्दबाजी में नहीं, बल्कि काफी सोच समझकर किया गया है।’’ '

फ्रैंकलिन टेम्पलटन के भारतीय परिचालन के प्रबंध निदेशक संजय सप्रे ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण निवेशकों के बीच यूनिट वापस लेने का अभूतपूर्व दबाव बन गया था और म्युचुअल फंड के पास एकमात्र विकल्प यही था कि वह काफी कम लागत पर अपनी होल्डिंग्स को बेच दे, जो निवेशित बने रहने वालों पर असर डालता। दूसरा विकल्प था कि निवेशकों को धन वापस करने के लिए और उधारी ली जाए।

उन्होंने कहा कि जब दोनों ही विकल्प मुश्किल लगने लगे तो निवेश राशि की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन योजनाओं को बंद करने का निर्णय लिया गया।

उन्होंने कहा कि अब इन योजनाओं में निवेशक कोई नया लेनदेन नहीं कर सकेंगे। इसबीच म्यूचुअल फंड उद्योग की संस्था ‘एसोसिएशन ऑफ म्‍युचुअल फंड्स इन इंडिया’ (एम्फी) ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि ज्यादातर निश्चित आय वाली म्यूचुअल फंड परिसंपत्तियों को बेहतर ऋण गुणवत्ता वाली प्रतिभूतियों में निवेश किया गया है और इन योजनाओं के पास बेहतर परिचालन सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त नकदी है।

एम्फी ने एक बयान में कहा कि निवेशकों को अपने निवेश लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, और अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए। उद्योग निकाय ने यह परामर्श भी दिया कि एक कंपनी की कुछ योजनाओं के बंद होने से विचलित नहीं होना चाहिए। बयान में कहा गया कि ज्यादातर म्यूचुअल फंडों की फिक्स्ड इनकम (बांड निवेश) योजनाओं में बेहतर ऋण गुणवत्ता होती है, जिसकी पुष्टि स्वतंत्र क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा की जाती है और इनमें चुनौतीपूर्ण समय में भी काफी नकदी बनी रहती है। 

Web Title: Coronavirus Impact: Franklin Templeton spoke to SEBI on the closure of six mutual fund schemes

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