अब कंपनियों को काम के हिसाब से देना होगा कर्मचारियों को वेतन, नहीं तो होगी कानूनी कार्रवाई!
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 7, 2019 03:53 PM2019-11-07T15:53:10+5:302019-11-07T15:57:57+5:30
सरकार ने नौकरियों को 'कोड ऑन वेजज' कानून के तहत लाने के लिए चार वर्ग निर्धारित किए हैं, जिनमें हुनरमंद, गैर-हुनरमंद, कम हुनरमंद और अत्याधुनिक हुनरमंद वर्ग शामिल है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने न्यूनतम वेतन के संबंध में मिल रही लगातार शिकायतों को लेकर एक बड़ा फैसला लेने पर विचार कर रही है। बताजा जा रहा है कि कि अब प्राइवेट कंपनियों की मनानी नहीं चलेगी। केंद्र सरकार 'कोड ऑन वेजेज' कानून के तहत न्यूनतम वेतन देने के लिहाज से जरूरी बदलाव करन वाली है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कहा जा रहा है कि इन सभी की एक अलग कैटगरी बनाने वाली है और कर्मचारियों की न्यूनतम तनख्वाह सीमा भी तय करने वाली है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि कंपनियों की मनमानी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने हुनरमंद और गैर-हुनरमंद कामों की परिभाषा तय की है।
सरकार ने नौकरियों को 'कोड ऑन वेजज' कानून के तहत लाने के लिए चार वर्ग निर्धारित किए हैं, जिनमें हुनरमंद, गैर-हुनरमंद, कम हुनरमंद और अत्याधुनिक हुनरमंद वर्ग शामिल है।
केंद्र सरकार ने यह फैसला इस वजह से लेने वाली है क्योंकि आजकल कंपनियों में कार्य कर रहे लोगों को उनकी क्षमता के अनुसार पेसै नहीं दिए जा रहे हैं इसलिए सरकार ने नए 'कोड ऑफ वेजज' के मसौदे में ऐसे प्रावधान को लाने पर विचार किया है।