वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत, ईपीएफ ब्याज पर टैक्स का फैसला वापस ले सकती है केंद्र सरकार

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: February 23, 2021 09:03 PM2021-02-23T21:03:42+5:302021-02-23T21:04:55+5:30

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को पेश हुए बजट में ऐलान किया था कि पीएफ में सालाना ढाई लाख रुपए से ज्यादा निवेश पर जो ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स देना होगा.

Central government may withdraw tax decision on EPF interest Finance Minister Nirmala Sitharaman  | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिए संकेत, ईपीएफ ब्याज पर टैक्स का फैसला वापस ले सकती है केंद्र सरकार

ढाई लाख रुपए सालाना टैक्स फ्री डिपॉजिट के फैसले पर विचार करने के लिए राजी हैं.

Highlightsऊंची आय वालों को ईपीएफ में निवेश के जरिए बचत करने से रोकना बिल्कुल नहीं है.ईपीएफ में निवेश करके 15,000 रुपए महीना से ज्यादा कमाते हैं.ईपीएफ से होने वाली तय आय को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगी ये ऐसे ही रहे.

गुवाहाटीः सरकार ईपीएफ ब्याज पर टैक्स का फैसला वापस ले सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात के संकेत दिए हैं.

सीतारमण ने 1 फरवरी 2021 को पेश हुए बजट में ऐलान किया था कि पीएफ में सालाना ढाई लाख रुपए से ज्यादा निवेश पर जो ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स देना होगा. सीतारमण ने अब कहा है कि वो ईपीएफ में ढाई लाख रुपए सालाना टैक्स फ्री डिपॉजिट के फैसले पर विचार करने के लिए राजी हैं.

सरकार ने बजट में ब्याज पर टैक्स का प्रावधान किया था, ताकि ऊंची आय वाले ईपीएफ का इस्तेमाल टैक्स घटाने के लिए नहीं कर सकें. सीतारमण ने कहा कि वो इस फैसले की समीक्षा करने के लिए तैयार हैं. उनका मकसद ऊंची आय वालों को ईपीएफ में निवेश के जरिए बचत करने से रोकना बिल्कुल नहीं है.

हमने ये तय किया था कि हम उन्हें निराश नहीं करेंगे जो ईपीएफ में निवेश करके 15,000 रुपए महीना से ज्यादा कमाते हैं. मैं इसकी समीक्षा कर सकती हूं, लेकिन ये सिद्धांतों की बात है. हम सिर्फ उनको छू रहे हैं जो ईपीएफ में एक भारतीय की महीने की औसत कमाई से कहीं ज्यादा डाल रहे.

ईपीएफ और एनपीएस के विलय का इरादा नहीं वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि ईपीएफ और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) का विलय करने का कोई इरादा नहीं है. ये जैसे आज हैं वैसे ही आगे भी रहेंगे. मध्यम वर्ग को ईपीएफ से होने वाली तय आय को ध्यान में रखते हुए उन्होंने कहा कि मैं चाहूंगी ये ऐसे ही रहे.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर केंद्र-राज्यों को एकसाथ बैठना होगा पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी वित्त मंत्री ने कहा कि- केंद्र और राज्य सरकारों को एक साथ बैठना होगा. ये देखना होगा कि इस मुद्दे से बेहतर तरीके से कैसे निपटा जा सकता है. जीएसटी के दायरे में लाना एक विकल्प हो सकता है. जीएसटी काउंसिल को इस पर विचार करना होगा.

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