Budget 2020: दो लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है टैक्स राजस्व, बजट में इनकम टैक्स कटौती के विकल्प सीमित
By भाषा | Published: January 26, 2020 04:27 PM2020-01-26T16:27:49+5:302020-01-26T16:27:49+5:30
कॉरपोरेट टैक्स की दरों में की गयी 28 साल की सबसे बड़ी कटौती से सरकारी खजाने पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है।
अर्थव्यवस्था में जारी नरमी के कारण चालू वित्त वर्ष में कर से प्राप्त राजस्व लक्ष्य की तुलना में दो लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है। इसके कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास बजट में व्यक्तिगत आयकर में कटौती के विकल्प सीमित हो गये हैं। मामले से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े सूत्रों का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में व्यक्तिगत आयकर तथा कॉरपोरेट आयकर से प्राप्त राजस्व लक्ष्य की तुलना में करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है। इसके अलावा अर्थव्यवस्था में जारी नरमी के कारण माल एवं सेवा कर (राजस्व) से प्राप्त अप्रत्यक्ष कर राजस्व भी लक्ष्य से 50 हजार करोड़ रुपये कम रह सकता है।
सीतारमण ने सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिये पिछले साल सितंबर में कॉरपोरेट आयकर की दरों में कटौती करने की घोषणा की थी। ऐसी उम्मीदें थीं कि वह बजट में व्यक्तिगत आयकर के लिये भी इसी तरह की राहत की घोषणा कर सकती हैं। हालांकि कर से प्राप्त राजस्व के लक्ष्य से कम रहने की आशंका तथा सरकार के विनिवेश के लक्ष्य से बेहद दूर रह जाने के कारण ऐसा कर पाने के विकल्प सीमित हो गये हैं।
कॉरपोरेट टैक्स की दरों में की गयी 28 साल की सबसे बड़ी कटौती से सरकारी खजाने पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है। इसके अलावा सरकार ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों तथा घरेलू संस्थागत निवेशकों के दीर्घ एवं अल्पावधि की पूंजीगत आय पर अधिशेष को भी वापस लेने की घोषणा की थी। इससे खजाने पर 1,400 करोड़ रुपये का दबाव पड़ा है।
पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग समेत कई विशेषज्ञों ने संकेत दिये हैं कि कर से प्राप्त राजस्व लक्ष्य से दो से ढाई लाख करोड़ रुपये कम रह सकता है। उन्होंने हाल ही में एक ब्लॉग में कहा था, ‘‘कर राजस्व के नजरिये से 2019-20 एक बुरा वित्त वर्ष साबित होने जा रहा है। कर राजस्व संग्रह लक्ष्य से 2.5 लाख करोड़ रुपये (जीडीपी का 1.2 प्रतिशत) कम रहने की संभावना है।’’