बजट 2019: व्यापारियों को बीमा कवर के साथ मिल सकती हैं ये सुविधाएं, मोदी सरकार कर सकती है ऐलान

By स्वाति सिंह | Published: January 23, 2019 04:52 PM2019-01-23T16:52:22+5:302019-01-23T16:52:22+5:30

कन्फैडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री को भेजे एक पत्र में कहा है, ‘‘हमारा आपसे आग्रह है कि व्यापारियों के लिये प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा या तो बजट से पहले कर दी जाये अथवा इसे आगामी बजट का हिस्सा बनाया जाना चाहिये।’’ 

Budget 2019: Merchants can get insurance cover in this budget, Modi government can announce other facilities | बजट 2019: व्यापारियों को बीमा कवर के साथ मिल सकती हैं ये सुविधाएं, मोदी सरकार कर सकती है ऐलान

बजट 2019: व्यापारियों को बीमा कवर के साथ मिल सकती हैं ये सुविधाएं, मोदी सरकार कर सकती है ऐलान

 देश के थोक एवं खुदरा व्यापारियों के संगठन कैट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से व्यापारियों के लिये आगामी बजट में 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा कवर, सस्ती दर पर कर्ज, जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाने जैसे प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करने की मांग की है। 

कन्फैडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री को भेजे एक पत्र में कहा है, ‘‘हमारा आपसे आग्रह है कि व्यापारियों के लिये प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा या तो बजट से पहले कर दी जाये अथवा इसे आगामी बजट का हिस्सा बनाया जाना चाहिये।’’ 

कैट ने पत्र में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) में पंजीकृत व्यापारियों के लिये 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा कवर देने, कंप्यूटर और संबंधित सामान खरीदने पर सब्सिडी, खुदरा व्यापार और ई-कामर्स के लिये राष्ट्रीय नीति, खुदरा कारोबार नियामक प्राधिकरण और एक व्यापार संवर्धन परिषद के गठन की मांग रखी है।

जीएसटी को लेकर कैट ने पत्र में कहा है कि जीएसटी की 18 प्रतिशत दर को समाप्त कर दिया जाना चाहिये और 28 प्रतिशत की दर को केवल भेाग-विलास और अति लक्जरी वस्तुओं पर ही रखा जाना चाहिये। संगठन ने कहा है, ‘‘आटो कलपुर्जों, सीमेंट को 28 प्रतिशत की कर श्रेणी से बाहर कर 12 प्रतिशत में रखा जाना चाहिये। कच्चे माल के तौर इस्तेमाल होने वाले सामान और गरीब वर्ग के काम आने वाले सामान को पांच प्रतिशत जीएसटी की श्रेणी में रखा जाना चाहिये।’’ कैट ने कहा है कि मंडी कर और टोल टैक्स समाप्त किया जाना चाहिये। मकान मालिक और किरायेदारों के झगड़े समाप्त करने के लिये एक आदर्श किरायेदारी कानून होना चाहिये।

संगठन ने मांग की है कि खुदरा व्यापारियों का देशभर में एक सर्वेक्षण कराया जाना चाहिये और उनके वित्तीय और सामाजिक स्तर के बारे में जानकारी जुटाई जानी चाहिये ताकि उचित नीतियां और कार्यक्रम बनाये जा सकें। कैट ने कहा है, ‘‘मुद्रा योजना के तहत बैंकों से सीधे कर्ज देने की प्रक्रिया को बंद किया जाना चाहिये और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सूक्ष्म वित्त संस्थानों और निजी क्षेत्र के रिणदाताओं को इसमें शामिल किया जाना चाहिये।’’ 

इसके साथ ही सभी तरह के डिजिटल भुगतान को शुल्क मुक्त रखा जाना चाहिये। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिये यह बहुत जरूरी है। वर्तमान में बैंक इस तरह के भुगतान पर एक से दो प्रतिशत तक शुल्क ले रहे हैं। 

(भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: Budget 2019: Merchants can get insurance cover in this budget, Modi government can announce other facilities

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