इन अहम बातों का रखेंगे ध्यान तो कभी रिजेक्ट नहीं होगा आपका मेडिक्लेम

By स्वाति सिंह | Published: May 17, 2020 10:06 AM2020-05-17T10:06:10+5:302020-05-17T10:06:10+5:30

हेल्थ इंशयोरेंस लेते समय सबसे जरूरी उसकी शर्तों को जानना बहुत जरूरी होता है। अगर आपको उसे समझने में परेशानी आती है तो कंपनी के कस्टमर केयर या एक्सपर्ट की मदद लें। हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बाद पॉलिसी पेपर पर लिखी शर्तों को समझकर पढे़ं ताकि क्लेम लेते समय किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।

avoid these things your mediclaim can never be rejected | इन अहम बातों का रखेंगे ध्यान तो कभी रिजेक्ट नहीं होगा आपका मेडिक्लेम

इन अहम बातों का रखेंगे ध्यान तो कभी रिजेक्ट नहीं होगा आपका मेडिक्लेम

Highlightsहेल्थ इंश्योरेंस करवाने से पहले आपको अच्छी कंपनी चुनाव करना चाहिएहेल्थ इंशयोरेंस लेते समय सबसे जरूरी उसकी शर्तों को जानना बहुत जरूरी होता है।

आज के समय में हेल्थ इंश्योरेंस कराना बहुत जरूरी है क्योंकि यह किसी को नहीं पता बीमारी कब घेर ले। ऐसे में पैसों की सख्त आवश्यकता पड़ती हैं। हालांकि अगर आप भविष्य में होने वाले किसी भी तरह के मेडिकल खर्च से बचना चाहते हैं तो आपको हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी है।

साथ ही आपको कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए कि आपने जो हेल्थ इश्योरेंश करवाया है वो सही है या नहीं। ऐसी बहुत सी कंपनियां है जो  हेल्थ इंश्योरेंस तो करती हैं लेकिन इलाज के समय आपका क्लेम रिजेक्ट कर देती हैं। यहां पर आपको कुछ अहम बातें बताई जा रही हैं जिनका ध्यान रखकर आप आसानी से अपना हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम ले सकते हैं.. 

हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी का सही चुनाव
हेल्थ इंश्योरेंस करवाने से पहले आपको अच्छी कंपनी चुनाव करना चाहिए और उसकी पॉलिसी के बारे उनके ग्राहक से जानकारी हासिल करें कि क्या ये कंपनी इलाज के समय आसानी से क्लेम देती है। इसके अलावा किसी एजेंट, एक्सपर्ट या कंपनी की मदद भी ले सकते हैं। 

हेल्थ इंश्योरेंस की सेवा शर्तों को अच्छे से पढे़ं
हेल्थ इंशयोरेंस लेते समय सबसे जरूरी उसकी शर्तों को जानना बहुत जरूरी होता है। अगर आपको उसे समझने में परेशानी आती है तो कंपनी के कस्टमर केयर या एक्सपर्ट की मदद लें। हेल्थ इंश्योरेंस लेने के बाद पॉलिसी पेपर पर लिखी शर्तों को समझकर पढे़ं ताकि क्लेम लेते समय किसी परेशानी का सामना ना करना पड़े।

हालांकि आपको बीमा कंपनी के नियम के मुताबिक  15 दिन का फ्री-लुक पीरियड दिया जाता है। आप चाहे तो इस सयम के बीच में पॉलिसी वापस कर सकते हैं। कंपनी आपका पूरा  पैसा वापस लौटा देगी। 

सही जानकरी दें, बीमारी ना छिपाएं
हेल्थ इंश्योरेंस के लिए फॉर्म भरते समय किसी भी तरह की बीमारी को ना छिपाएं। उम्र,नाम, पिता का नाम, घर का पता जैसी आवश्यक जानकारी को सहीं भरें। साथ अगर आपको कोई आनुवांशिक बीमारी है तो उसके बारे में साफ-साफ बताएं। हेल्थ इंश्योरेंस करवाते समय किसी भी तरह की गलत जानकारी देने से आपका क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा। इसलिए फॉर्म भरते समय इन खास बातों का ध्यान रखें।

प्री-एग्जिस्टिंग बीमरी को ना छिपाएं
हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय अपनी और अपने परिवार की सेहत की सही जानकारी देना भी बहुत जरूरी होता है। अगर आपको डायबीटीज, ब्लड प्रेशर आदि जैसी बीमारियां हैं तो इनके बारे में भी हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय कंपनी को बताएं। 

शराब और किसी तरह के नशों की जानकारी ना छुपाएं
अगर आप बीड़ी, सिगरेट शराब या तंबाकू आदि का सेवन करते हैं तो हेल्थ इंश्योरेंस लेते समय इसकी भी जानकारी दें। हो सकता है कि इस वजह से आपको ज्यादा प्रीमियम देना पड़े, लेकिन सही जानकारी जरूर दें। अगर इन आदतों के बारे में सही जानकारी नहीं देंगे और इनके सेवन से बीमारी होती है तो इलाज में इंश्योरेंस का फायदा नहीं मिलेगा।

अगर इलाज चल रहा है तो उसकी जानकारी दें
हेल्थ इंश्योरेंस कराते समय अगर किसी बीमारी का इलाज चल रहा है तो इसकी भी जानकारी दें। साथ ही, अगर पिछले कुछ बरसों में किसी गंभीर बीमारी का इलाज या सर्जरी हुई है तो उसकी भी जानकारी देना जरूरी होता है। 

मेडिक्लेम फाइल करने में देरी ना करें
मेडिक्लेम से जुड़े सभी डॉक्युमेंट्स जितनी जल्दी हो सके, हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के पास जमा कराएं। अगर किसी बिल की ऑरिजनल कॉपी गुम हो गई है तो ज्यादातर मामलों में एफिडेविट बनवाना पड़ता है जिसमें दावा करना पड़ता है कि खोए बिल के बदले कहीं और से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं उठाया है।

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